हरदोई। लोनार थाना क्षेत्र में मासूम बच्ची की बलि चढ़ाने की आरोपी महिला, पति और पुत्र को ग्रामीणों ने शुक्रवार की रात घेर लिया। ग्रामीणों ने महिला की पिटाई भी कर दी, मामले की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और तीनों को थाने लेकर आई। पुलिस ने शनिवार को महिला को जेल भेज दिया है। जबकि पति को छोड़कर पुत्र से पूछतांछ कर रही है।
लोनार क्षेत्र के दुलारपुर निवासी अरविंद की तीन वर्षीय पुत्री अंजली का 22 मई की रात घर से अपहरण कर लिया गया था। 28 मई को गांव के बाहर कुएं में बच्ची का शव मिला था। शुरुआती जांच और ग्रामीणों के बयान पर बच्ची की बलि की खातिर हत्या की बात सामने आई थी। तब पुलिस ने इस मामले के मुख्य आरोपी वेदपाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जेल भेज दिया था। तब वेदपाल की मां शांती देवी द्वारा तांत्रिक झब्बूलाल के कहने पर बच्ची की बलि चढ़ाने की बात सामने आई थी। हालांकि तबसे आरोपी परिवार फरार चल रहा था। लेकिन शुक्रवार की रात शांती अपने पति रामदास व दूसरे पुत्र सुनील के साथ चुपचाप घर का सामान लेने आई तो जानकारी पाकर पूरे परिवार को ग्रामीणों ने घेरकर पीटना शुरू कर दिया। घटना के चश्मदीद शांती के छोटे पुत्र अनिल उर्फ शेरू (10) ने सच्चाई भी बताई। मामले की जानकारी पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और सभी को थाने लेकर आई। थानाध्यक्ष एसके वर्मा ने बताया कि शांती देवी की हत्या में शामिल होने की बात सामने आई है। जिसके चलते उसे जेल भेज दिया गया। लेकिन पति रामदास का कोई दोष नहीं था इसलिए उसे छोड़ दिया गया। सुनील पुलिस की हिरासत में है और उसके सहारे तांत्रिक की तलाश की जा रही है।
हरदोई। लोनार थाना क्षेत्र में मासूम बच्ची की बलि चढ़ाने की आरोपी महिला, पति और पुत्र को ग्रामीणों ने शुक्रवार की रात घेर लिया। ग्रामीणों ने महिला की पिटाई भी कर दी, मामले की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और तीनों को थाने लेकर आई। पुलिस ने शनिवार को महिला को जेल भेज दिया है। जबकि पति को छोड़कर पुत्र से पूछतांछ कर रही है।
लोनार क्षेत्र के दुलारपुर निवासी अरविंद की तीन वर्षीय पुत्री अंजली का 22 मई की रात घर से अपहरण कर लिया गया था। 28 मई को गांव के बाहर कुएं में बच्ची का शव मिला था। शुरुआती जांच और ग्रामीणों के बयान पर बच्ची की बलि की खातिर हत्या की बात सामने आई थी। तब पुलिस ने इस मामले के मुख्य आरोपी वेदपाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जेल भेज दिया था। तब वेदपाल की मां शांती देवी द्वारा तांत्रिक झब्बूलाल के कहने पर बच्ची की बलि चढ़ाने की बात सामने आई थी। हालांकि तबसे आरोपी परिवार फरार चल रहा था। लेकिन शुक्रवार की रात शांती अपने पति रामदास व दूसरे पुत्र सुनील के साथ चुपचाप घर का सामान लेने आई तो जानकारी पाकर पूरे परिवार को ग्रामीणों ने घेरकर पीटना शुरू कर दिया। घटना के चश्मदीद शांती के छोटे पुत्र अनिल उर्फ शेरू (10) ने सच्चाई भी बताई। मामले की जानकारी पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और सभी को थाने लेकर आई। थानाध्यक्ष एसके वर्मा ने बताया कि शांती देवी की हत्या में शामिल होने की बात सामने आई है। जिसके चलते उसे जेल भेज दिया गया। लेकिन पति रामदास का कोई दोष नहीं था इसलिए उसे छोड़ दिया गया। सुनील पुलिस की हिरासत में है और उसके सहारे तांत्रिक की तलाश की जा रही है।