हरदोई। गेहूं समर्थन मूल्य क्रय योजना का लाभ लेने को किसानों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है। कहीं किसानों का गेहूं तौल नहीं पा रहा, तो कहीं क्रय केंद्रों के बैंक खातों में पैसा न होने से किसान अपने गेहूं के मूल्य का भुगतान पाने को भटक रहे हैं।
अभी कुछ दिन पूर्व ही गेहूं क्रय एजेंसियों का गेहूं मूल्य भुगतान के रूप में एफसीआई से 7 करोड़ की धनराशि मिली थी, पर एजेंसियों द्वारा क्रय केंद्रों के खातों में धनराशि भेजने के मामले में लापरवाही की जा रही, जिससे किसानों को भुगतान नहीं मिल पा रहा है। सरकार द्वारा कि सानों को समर्थन मूल्य 1285 रुपए प्रति कुंतल का लाभ दिलाने को जिले में 105 सरकारी क्रय केंद्र खोले गए थे और 1 लाख 55 सौ एमटी गेहूं खरीदने का लक्ष्य दिया गया था। लक्ष्य के सापेक्ष अभी तक करीब 82 हजार एमटी गेहूं की खरीद हो चुकी है। अभी तक हुई करीब 82 हजार एमटी खरीद के गेहूं मूल्य 10,500 लाख के सापेक्ष 10,300 लाख रुपए का भुगतान किसानों को किया जा चुका है और करीब दो करोड़ रुपए भुगतान बकाया है।
जो किसान अपना गेहूं 15 से 30 दिन पहले बेच चुके हैं, उन्हें ही अभी भुगतान नहीं मिल पाया, जबकि अभी हालिया गेहूं बेचने वालों को तो भुगतान की चेकें तक नहीं मिल पाई है। भुगतान मामले में सभी क्रय एजेंसियों की हालत एक समान है। अभी कुछ दिन पूर्व ही क्रय एजेंसियों को एफसीआई द्वारा करीब 7 करोड़ रुपए गेहूं मूल्य के रूप में भुगतान किया गया था, पर यह पैसा क्रय एजेंसियों द्वारा खोले गए क्रय केंद्रों के बैंक खातों में नहीं पहुंचा, जिससे क्रय केंद्रों द्वारा किसानों को दी गई गेहूं मूल्य की चेकें पास नहीं हो पा रही और किसान भुगतान की राह देख रहे है। जिन किसानों को 15 दिनों से एक माह पूर्व चेकें दी गई थी, उनका भी भुगतान नहीं हो पा रहा।
इस बाबत गेहूं खरीद की नोडल एजेंसी के डिप्टी आरएमओ बीपी सिंह ने कहा कि उन्होंने सभी एजेंसियों से भुगतान की स्थिति की जानकारी मांगी है और खातों में पैसा सुनिश्चित करने को कहा गया है। इसके बाद भी किसानों के चेक बाउंस हुए तो कार्रवाई होगी।