हरदोई। सुनने में भले ही अजीब लगे लेकिन सच तो यही है कि तीन करोड़ जाया कर जिले की जवानी खुद ब खुद मौत मांग रही है। लगभग इतनी ही राशि से धुएं के छल्लों व गुटखे पर खर्च कर 40 फीसदी लोग कैंसर को अपने क रीब बुला रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि सबसे अधिक युवा वर्ग ही तंबाकू के नशे का आदी हो रहा है। चिकित्सकों का कहना है कि बढ़ती मरीजों की संख्या से ही यदि अनुमान लगा लिया जाए तो शायद जिले की जवानी धुंए में ही दम तोड़ देगी। खून दूषित हो या चेहरा तेजहीन। पाचन क्रिया बिगड़े या दमा हो जाए। जिले के करीब 10 लाख से अधिक तंबाकू के शौकीन इसका इस्तेमाल बंद करने को तैयार नहीं हैं। इसका उन्हे आर्थिक नुकसान भी सहना हो रहा है। एक अनुमान के तहत ही एक माह में ही करीब तीन करोड़ से अधिक तंबाकू की भेंट ही चढ़ जाते हैं। वह चाहे धुंए के छल्ले के रूप में बनकर उड़े या फिर तंबाकू या गुटखे के रूप में। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा आए दिन होने वाली प्रदेश मुख्यालय पर होने वाली बैठकों में दी गई जानकारी को यदि माने तो विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार देश में धूम्रपान के चंगुल में फंसे 20 करोड़ लोगों मेें उत्तर प्रदेश के ही साढ़े तीन करोड़ लोग शामिल हैं।
देश में होने वाले करीब 240 करोड़ के तंबाकू व्यवसाय में यूपी का 40 हजार करोड़ का शेयर है। एक सर्वे के अनुसार ही जिले में नशे की लत पर गौर करें तो 40 प्रतिशत लोग कैंसर से पीड़ित हो रहे हैं तो 20 प्रतिशत दिल व 40 प्रतिशत दमा व अन्य बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं। तंबाकू की लत का सबसे अधिक शिकार गरीब तबके के लेाग हो रहे हैं। इस संबंध में कैंसर इंस्टीट्यूट के डा. राजेश कुमार अग्रवाल ने बताया कि एक सिगरेट पीने से व्यक्ति की पांच मिनट आयु कम हो जाती है। 20 सिगरेट या 15 बीड़ी पीने या खैनी आदि रूप में प्रयोग करने वाला व्यक्ति आयु को 10 वर्ष स्वंय कम कर लेता है। लगातार तंबाकू सेवन से दमा, खांसी रोगियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। पांच में से दो लोगों को बीड़ी, सिगरेट या तंबाकू के सेवन के चलते दिल का रोग होता है। ऐसे रोगियों की संख्या बढ़ रही है। उन्होने बताया कि ध्रूमपान करने का मन इसलिए करता है कि वाईपी 2 ए 6 नामक जीन व्यक्ति को धूम्रपान करने को मजबूर करता है। तीन प्रकार के इस जीन में डेल नामक जीन सबसे कम सक्रिय होता है। इ
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महिलाएं भी करती है सेवन
हरदोई। यह भी सत्य है कि भारत वर्ष विश्व का दूसरा सबसे बड़ा तंबाकू उत्पादों का सेवन करने वाला देश है। लगभग 57 प्रतिशत पुरूष, 10.9 फीसदी महिलाएं वं 14 फीसदी बच्चे तंबाकू एंव उसके उत्पादों का सेवन करते हैं। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का 40 फीसदी कारण तंबाकू हैं। कैंसर से होने वाली मौतों में लगभग 50 फीसदी तंबाकू के कारण होती है।
काश बचपन में न डाला होता गुटखे का शौक
हरदोई। बावन के रहने वाले जितेंद्र की हालत को देखकर चिकित्सकों ने भी अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। उनके मुंह मेें कैंसर अब विकराल रूप धारण कर चुका है। इस बावत जब उससे कुछ पूछने का प्रयास किया गया तो उसने इशारों से कुछ समझाते हुए बताया कि काश बचपन में मित्रों के साथ गुंटखे का शोक न करता तो शायद आज मौत के इतने करीब न होता।
बीड़ी ने परोस दी उसकी मौत
हरदोई। हरियावंा की रहने वाली बिट्टों पेशे से मजदूर है। मजदूरी करने के बाद ही वह अपना व अपने परिवार का भरण पोषण कर रही थी। लेकिन मजदूरी करने के दौरान उसकी लत बीड़ी पीने की लग गई। 60 रूपए दिहाड़ी से लेकर 120 रूपए दिहाड़ी तक वह चंद सिक्कों में बीड़ी पीती चली आई लेकिन कब कीमती जिंदगी इन्ही चंद सिक्कों की बदौलत उससे दूर चली ग ई। उसे पता ही नहीं चला। उसका कहना है कि अब उसका जो होगा वह तो उसे पता चल गया है लेकिन उसके बाद उसके बच्चों का क्या होगा।