हरदोई। जिले में पारे का तापमान चढ़ते ही बिजली का संकट गहरा रहा है। इसके चलते रोस्टर के अनुसार उपभोक्त ाओं को बिजली नहीं मिल पा रही। सबसे खराब स्थिति ग्रामीण क्षेत्र में जहां आपूर्ति का दावा 10 घंटे किया जा रहा है, लेकिन 4 से 6 घंटे ही सप्लाई मिल पा रही है। इसका असर सिंचाई से लेकर कारोबार तक पड़ रहा है। किसानों को जहां इंजन चलाकर खेती की सिंचाई करनी पड़ रही। वहीं कारोबारियों और सरकारी विभागों को जेनरेटर का सहारा लेेना पड़ रहा है। जिसके चलते करीब 20 फीसदी डीजल व्यय बढ़ गया है। वहीं शहरी उपभोक्ताओं को इनवर्टर का अतिरिक्त बोझ भी उठाना पड़ रहा है। जिले की पंाच तहसील क्षेत्रों में सर्वाधिक खराब स्थिति सवायजपुर तहसील क्षेत्र की है। यहां दिन और रात के हफ्तें में 10 घंटे बिजली सप्लाई का दावा किया जा रहा है। लेकिन, 4 से 6 घंटे सप्लाई मिल पा रही। बुधवार को सुबह 6 से दोपहर 3 बजे तक मिलने वाली आपूर्ति मात्र 4 घंटे ही मिल सकी। जिससे किसान सिंचाई के लिए परेशान है। बिलग्राम तहसील क्षेत्र में सुबह 10 से 2 और शाम को 10 से सुबह 4 बजे सप्लाई मिलनी चाहिए लेकिन मात्र 6 घंटे ही सप्लाई मिल सकी। विभागीय अधिकारी अघोषित कटौती पर लोकल फाल्ट बता रहे है। बिजली की अघोषित कटौती का असर मल्लावां क्षेत्र के बुनकरों के कारोबार पर भी पड़ रहा है। संडीला क्षेत्र में सुबह 10 से 5, रात 11 से 3 सप्लाई का दावा किया जा रहा है कि लेकिन 6 से 8 घंटे ही सप्लाई है। आज 11 से 3 और 12.45 से शाम 5 बजे के बीच लोकल फाल्टों के चलते सप्लाई बाधित रही। शाहाबाद तहसील क्षेत्र मेें रोस्टर के अनुसार दिन में 12 से 4 और शाम को 10 से सुबह 5 बजे तक सप्लाई मिलनी चाहिए। लेकिन रात और दिन मिलाकर 6 से 7 घंटे तक ही सप्लाई मिल पा रही है। कई गांव जिनमें हर्रई, फत्तेपुर गिरंद, सिकंदरपुर नरकतरा, वासितनगर समेत कई गांव ऐसे है जहां बमुश्किल 2 से 4 घंटे ही सप्लाई मिल पा रही है। हर्रई के पूर्व प्रधान तौकीर अहमद ने कहा कि रोस्टर के अनुसार बिजली मिल जाए तो किसानों की समस्याएं हल हो सकती है। पिहानी क्षेत्र के मोहम्मद वसीम खां, शिवराम, मोहनी देवी दीक्षित, जुनैद इकबाल मोहम्मद चांद व राजेश आदि ने कहा है कि लगभग एक सप्ताह से लागू शेड्यूल से काफी हद तक राहत तो मिली है, लेकिन पुराने तारों के चलते तय समय तक आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इन लोगों के मुताबिक शाम सात बजे बिजली तो आती है, लेकिन इसके बाद से पूरी रात तक हर दस मिनट में ट्रिपिंग होती है और यह सिलसिला रात भर जारी रहता है। बीती रात भी कई घंटे तक की रोस्टिंग में बिजली आपूर्ति ठप रही। मोहनी देवी दीक्षित ने बताया कि शाम के समय लगातार ट्रिपिंग होने से ग्रहणियों को सबसे ज्यादा दिक्कत होती है। इसके चलते खाना आदि अंधेरे में बनाने की मजबूरी है। उधर किसान शिवराम व वसीम आदि ने बताया कि उन्हें बिजली किल्लत के चलते महंगे डीजल से सिंचाई को विवश होना पड़ रहा है। इधर, सदर क्षेत्र मेेें स्थित नगर में सुबह 5 से 9 और शाम को 4 से 7 बजे तक बिजली की कटौती हो रही है। विभाग नगर में 17 घंटे विद्युत सप्लाई का दावा कर रहा है। अघोषित कटौती के चलते जेनरेटर पर करीब 20 फीसदी अतिरिक्त व्यय विभागों को करना पड़ रहा है। एलडीएम डा. अनिल लवानिया ने कहा कि बैंको में लगे जेनरेटर पर 10 से 15 फीसदी खर्च बढ़ा है। उधर, टीडीएम अश्वनी कुमार ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में बीटीएस के संचालन में डीजल व्यय 20 फीसदी बढ़ गया है। वहीं नगर के बाशिंदे बिजली न आने पर इनवर्टर से अपना गुजारा कर रहे है।
औद्योगिक क्षेत्र को 24 घंटे आपूर्ति
हरदोई। संडीला क्षेत्र के बाशिदों को भले ही बिजली कटौती से जूझना पड़ रहा है लेकिन यहां स्थापित औद्योगिक क्षेत्र को 24 घ्ंाटे बिजली आपूर्ति दी जा रही है। यह बिजली आपूर्ति कहां से की जा रही है इस पर अधिशाषी अभियंता एमके अहिरवार का कहना है कि कंट्रोल रूम के आदेश पर औद्योगिक क्षेत्र को सप्लाई अलग फीडर से दी जा रही है। उन्होेंने दावा किया कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोस्टर के अनुसार आपूर्ति दी जा रही है। यदि केंद्रों पर फाल्ट से आपूर्ति बाधित होती है तो उसे ठीक किया जाता है। उन्होंने कहा कि गर्मी में लोड बढ़ने पर एसी का उपयोग कम कर लोड कम किया जा सकता है। जिससे ओवर लोडिंग न होने पर अधिक से अधिक आपूर्ति मिल सकती है।
बिजली की घोषित और अघोषित कटौती पर एक नजर...
तहसील क्षेत्र घोषित कटौती अघोषित कटौती
नगर क्षेत्र 07 घंटे 02 घंटे
सदर ग्रामीण 14 घंटे 03 घंटे
संडीला 13 घंटे 05 घंटे
बिलग्राम 14 घंटे 03 घंटे
शाहाबाद 14 घंटे 03 घंटे
सवायजपुर 14 घंटे 06 घंटे
फोटो संख्या- 2, 3 - बिजली विभाग में बिल जमा करने को लगी उपभोक्ताओं की भीड़ व बिलों में संशोधन कराने को एक्सईएन कार्यालय में घुसे उपभोक्ता। फोटो अमर उजाला
बिलों में संशोधन पर हंगामा
पुराना बिल जुड़कर आने से लोग परेशान
संशोधन काउंटर के अभाव में भड़के उपभोक्ता
एक्सईएन में अपने कक्ष में संशोधित कराए बिल
हरदोई। बिजली बिलिंग संस्था बदलने से मई माह के बिलों में अप्रैल का पैसा जुड़कर आने लगा है। जिन्हें सही कराने के लिए भी अभी तक खंड कार्यालय द्वितीय पर कोई काउंटर शुरू नहीं कराया गया। इससे नाराज होकर बुधवार को दर्जनों की संख्या में पहुंचे उपभोक्ताओं ने खंड कार्यालय पर जमकर हंगामा किया। उपभोक्ताओं ने एक्सईएन कार्यालय का घेर लिया और बिल संशोधित कराने की बात कही। इस पर बढ़ती भीड़ देख एक्सईएन ने अपने ही कक्ष में आन लाइन बिलों का संशोधन कराया।
बिलिंग व्यवस्था को हाईटेक बनाने के लिए पावर कारपोरेशन ने आन लाइन बिलिंग व्यवस्था शुरू की है। जिसके अंतर्गत उपभोक्ताओं को बिलिंग की गई। लेकिन मई माह में उपभेाक्ताओं को दिए गए बिजली के बिलों में अप्रैल माह का जमा किया गया पैसा भी जुड़कर आ रहा है। मई माह के बिल में जमा किया गया पैसा जुड़कर आने से जहां एक ओर उपभोक्ताओं के होश फाख्ता हो गए वहीं बिलों को सही कराने के लिए उपभोक्ताओं ने बिजली कार्यालय पर दौड़ लगानी शुरू कर दी है। बुधवार को भी खंड कार्यालय द्वितीय कोई काउंटर शुरू नहीं कराया गया तो बुधवार को दर्जनों की संख्या में पहुंचे उपभोक्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा और लोगों ने अधिशासी अभियंता कार्यालय पर पहुंचकर हंगामा करने लगे। लोगों ने कार्यालय को बाहर से घेर लिया और संशोधन कराने की मांग करने लगे। हालांकि अधिशासी अभियंता ने उपभोक्ताओं की स्थिति के बारे में कारपोरेशन के अधिकारियों को बताया। जिस पर कारपेारेशन द्वारा दिए गए सीक्रेट कोड से आन लाइन व्यवस्था से बिलोें में संशोधन कराया गया। जिसके बाद ही उपभोक्ताओं ने राहत की सांस ली।
इंसेट
एक कांउटर और खुला-एक्सईएन
हरदोई। अधिशासी अभियंता एमके अहिरवार ने बताया कि मई माह के बिलों में अप्रैल माह का बिल जुड़कर आ रहा है। जिसके बारे में जानकारी करने पता चला है कि बीते माह जमा कराए गए बिलों की फीडिंग अभी पूरी नहीं हो पाई है। उपभोक्ताओं के आने के बाद स्थिति का अंदाजा हुआ। जिस पर अब अप्रैल माह की फीडिंग करवाकर उपभोक्ताओं के बिलों में संशोधन का काम शुरू करा दिया गया है। उन्होंने कहा कि बिल संसोधन के लिए एक काउंटर और खुलवा दिया गया है।
इंसेट
गलत बिल से उपभोक्ता परेशान
हरदोई। बिजली के बिलों में अप्रैल माह के बिल संस्था के बदलने के कारण जुड़कर आ रहे हैं। जिससे उपभोक्ता खासे परेशान है। शहर में आन लाइन बिलिंग व्यवस्था चालू होने के बाद बिलिंग का काम नई संस्था को सौंप दिया गया है। साईं नामक संस्था के स्थान पर अब यह काम एचसीएल कंपनी को सौंप दिया गया है। जिनकों सांई संस्था द्वारा बीते माह की फीडिंग का डाटा हस्तांतरित नहीं किया गया है। जिस वजह से मई माह के बिल में अप्रैल का पैसा जुड़ रहा है। हालांकि अब अधिकारियों ने इस ओर कार्यवाही शुरू कर दी है और बिलों की फीडिंग नई संस्था के साफ्टवेयर पर करने तथा बिलों का संशोधन कराने का काम शुरू कर दिया गया है। हालांकि इसके लिए अलग से कोई काउंटर संचालित नहीं कराया गया है।