हरदोई। पढ़ने में भले ही अटपटा लगे कि खरीदारी भी आपको धन धान्य से परिपूर्ण कर सकती है, पर यह सच है। नक्षत्रों का राजा पुष्य के योग में खरीदारी करने वाले न सिर्फ संपन्न होंगे, बल्कि शनिदेव के भय से भी उनको मुक्ति मिलेगी।
दिल खोलकर खरीदारी को तैयार हो जाइए। खुद चलकर सभी को खरीदारी का आमंत्रण कोई और नहीं बल्कि नक्षत्रों का राजा पुष्य खुद दे रहे हैं। वर्षों बाद एक बार फिर से शनिवार को पुष्य नक्षत्र का योग बन रहा है, जो लोगों के घर धन धान्य से भरने के साथ शनिदेव के भय से मुक्ति भी दिलाएगा। राजा पुष्य की शुरुआत 25 मई शुक्रवार की शाम सात बजकर 29 मिनट से होगी, जो शनिवार की रात आठ बजकर 21 मिनट तक रहेगी। शास्त्री उमाकांत अवस्थी का कहना है कि इस दिन कर्क राशि का चंद्रमा व पंचम षष्ठी तिथि भी रहेगी, जो खरीदारी को सबसे शुभ मौका है। पुष्य नक्षत्र 26 मई शनिवार को पड़ रहा है। अंक ज्योतिष के अनुसार दो और छह को जोड़ने पर आठ अंक प्राप्त होता है। आठ शनि का अंक है, जो शनिवार को पड़ रहा है। जो शनि की कृपा पाने का सबसे उत्तम समय है। इस दिन मुख्य द्वार पर काले घोड़े की नाल, पूजा घर में शनि यंत्र स्थापित करने व भूखे मनुष्य को भोजन कराने पर शनि देव की विशेष कृपा होगी। उनका कहना है कि सायंकालीन खरीदारी शुभ रहेगी। शाम को चार बजकर 21 मिनट से सात बजकर 29 मिनट तक की खरीदारी को सबसे उत्तम बताया गया है। ऐसा संयोग कई वर्षों के बाद आता है कि शनिवार को पुष्य नक्षत्र का संयोग हो रहा हो और साथ अंक के हिसाब से तिथि भी शनिदेव की ही निकल रही हो।