हरदोई। जिसकी लंबी उम्र की कामना के लिए दीपारानी ने व्रत रखा था उसी ने उसकी जान ले ली। दीपारानी शिक्षिका बनना चाहती थी और स्नातक के साथ साथ बीएड कर टीईटी की परीक्षा में भी उसने अच्छे अंक हासिल किए थे। चार भाई बहनों में वह सबसे छोटी थी और उसकी हत्या के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है। मल्लावां कोतवाली क्षेत्र के बांसा निवासी जंगबहादुर खादी ग्रामोद्योग में कर्मचारी थे और अभी कुछ समय पूर्व ही रिटायर हुए हैं। परिवार में उनकी तीन पुत्रियां आशा, अनीता और सबसे छोटी दीपारानी थी। पुत्र मनोज शिक्षक है, छोटी बेटी दीपा भी शिक्षिका बनना चाहती थी। उसी की खातिर उसने स्नातक और फिर बीएड किया, शादी के बाद उसने टीईटी की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली। दीपा के पिता व मां व भाई ने बताया कि वह काफी सहनशील थी, ससुराल की कोई बात घर में नहीं बताती, हालांकि वह परेशान की जाती थी। दीपा की मां के अनुसार जब उसे पता चला कि वह मां बनने वाली है तो उसके जख्मों पर मरहम लगा था।रविवार को वट सावित्री पूजन था, दीपा ने सास के साथ विधिवत पूजन किया और पति की लंबी उम्र की कामना की। दीपा को उम्मीद थी कि वक्त के साथ उसके हालत भी बदल जाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
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और बर्बाद हो गया परिवार
हरदोई। यह होनी थी या कुछ और। ओमप्रकाश का भरा पूरा परिवार बर्बाद हो गया। कासिमपुर थाना क्षेत्र के सुभानखेड़ा निवासी ओमप्रकाश के दो पुत्र रोहित और मोहित हैं। उनका एक विद्यालय है, बड़ा पुत्र विद्यालय चलाता। छोटा बीटेक कर रहा है। ओमप्रकाश और उनका छोटा पुत्र देहरादून में ही रहते हैं। घर पर रोहित और उसकी मां व पत्नी दीपा रहती थी। घर पर किसी बात की कोई कमी नहीं थी। मकान गाड़ी और सब कुछ था। पर न जाने क्या हुआ कि पूरा परिवार बर्बाद हो गया।