हरदोई। दो दिन पूर्व मंडी में गेहूं बेचने को किसानों पर रात में हुए हमले को लेकर आम किसानों में दहशत का माहौल है। किसानों को अब गेहूं बेचने को समझ में नहीं आ रहा कि क्या करें। मंडी में शुक्रवार रात की घटना से किसानों के लिए समर्थन मूल्य योजना पर गेहूं बेचना अब डरावना सपना हो गया है।
लोगों का कहना है कि किसानों में दहशत दूर करने एवं समर्थन मूल्य का लाभ दिलाने को मंडी में पीएसी तैनात हो, ताकि लोग बेखौफ होकर अपने गेहूं का पूरा समर्थन मूल्य 1285 रुपए प्रति कुंतल मांगने की हिम्मत जुटा सकें। गेहूं समर्थन मूल्य योजना के तहत सरकारी खरीद पर बिचौलिए एवं दबंग हावी है। यही कारण है किसानों को 100 से 150 रुपए कुंतल तक सुविधा शुल्क दिए बिना समर्थन मूल्य 1285 रुपए का लाभ नहीं मिल पा रहा, जो किसान सुविधा शुल्क नहीं देते उनके गेहूं की तौल नहीं की जाती। यही कारण था कि गेहूं बेचने आए किसानों के गेहूं की तौल नहीं हुई, तो पहले कलक्ट्रेट में गुहार लगाई। इसके बाद भी तौल नहीं हुई तथा रात में किसान पर रिवाल्वर तानने की बात सामने आई तो शुक्रवार को दिन में किसानों ने कलक्ट्रेट का घेराव कर रिवाल्वर तानने की शिकायत की। इसके बाद भी तौल नहीं हुई और रात में मंडी में किसानों पर हमला हो गया, जिससे किसानों में दहशत फैल गई। मामले को लेकर अभी तक बड़ी कार्रवाई न होने से किसानों में दहशत का माहौल है। किसानों का कहना है कि या तो वे सुविधा शुल्क दें नहीं तो तौल नहीं होगी और विरोध करेंगे तो हमला होगा, इससे अच्छा है कि योजना से दूर ही रहा जाए। लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि या तो मंडी में पीएसी तैनात कर किसानों का भय दूर किया जाए फिर मंडी से क्रय केंद्रों को हटा सार्वजनिक स्थानों पर लगाया जाए, ताकि किसानों को योजना का लाभ मिल सके।
ज्ञात हो कि पिछले वर्ष अनियमितताओं की शिकायतों पर तत्कालीन डीएम खरीद अवधि के बीच में ही मंडी से सभी केंद्रों को हटवाकर दूसरे स्थानों पर लगवा दिया था। उधर, समर्थन मूल्य योजना में खरीद को अधिकृत किए गए आढ़तियों में कितने आढ़ती खरीद कर रहे हैं, कितने आढ़तियों ने खरीद करने से हाथ खड़े कर दिए है कितनी खरीद हुईं है इसको लेकर खरीद की नोडल एजेंसी के पास सूचना नहीं हैं ।