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कस्तूरबा स्कूलों से विदा की गई छात्राएं
Hardoi
Updated Sun, 20 May 2012 12:00 PM IST
हरदोई। जिले के चार कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका स्कूलों में चार सौ छात्राएं शनिवार को एक दूसरे से जुदा हो गईं। हालांकि सभी छात्राएं अपने अपने घर पहुंची, पर तीन साल तक साथ-साथ रहने के बाद बिछड़ने से स्कूलों का माहौल गमगीन रहा।
वार्डेन, शिक्षिकाओं व छात्राओं ने एक दूसरे को विदा किया। छात्राओं के मन में कहीं न कहीं यह टीस थी कि काश स्कूल उच्चीकृत हो गए होते तो उन्हें आगे की भी शिक्षा मिल जाती। जिले के 20 कस्तूरबा गांधी स्कूलों में भरावन, अहिरोरी, टोडरपुर और बेहंदर में कक्षा आठ की छात्राओं को विदाई दी गई। तीन साल साथ-साथ रहीं छात्राएं एक दूसरे से लिपट कर रो रहीं थीं। भरावन के स्कूल में विदाई की बेला पर छात्रा सुनीता देवी ने कार्यक्रम में गीत सुनाया। वार्डेन गिजाल फिरदौस ने जब छात्रा से कुछ पूछना चाहा तो उसने बताया कि अब आगे की पढ़ाई के लिए पापा नहीं भेजेंगे, क्योंकि गांव से कालेज की दूरी बहुत ज्यादा है।
निधि, पम्मी, सोनी, रीतू, पूजा, कीर्ति, दीपिका, अंशिका, वंदना, उपासना आदि छात्राएं ज्यादा भावुक हो गईं। शिक्षक देवेश और संध्या कबीर आदि ने ढांढस बंधाया। अहिरोरी में प्रभारी वार्डेन इति दीक्षित, शिक्षक विनय सिंह, शिक्षिका भारती मिश्र आदि ने छात्राओं को विदा किया। बेंहदर और टोडरपुर स्कूल में भी कक्षा आठ पास करने वाली छात्राओं को विदा किया गया। छात्राओं के मन में इस बात की टीस थी कि जैसा कि पूर्व में आश्वासन दिया गया था कि स्कूल उच्चीकृत होंगे और आगे की शिक्षा भी मिलेगी, पर ऐसा नहीं हुआ।
हरदोई। जिले के चार कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका स्कूलों में चार सौ छात्राएं शनिवार को एक दूसरे से जुदा हो गईं। हालांकि सभी छात्राएं अपने अपने घर पहुंची, पर तीन साल तक साथ-साथ रहने के बाद बिछड़ने से स्कूलों का माहौल गमगीन रहा।
वार्डेन, शिक्षिकाओं व छात्राओं ने एक दूसरे को विदा किया। छात्राओं के मन में कहीं न कहीं यह टीस थी कि काश स्कूल उच्चीकृत हो गए होते तो उन्हें आगे की भी शिक्षा मिल जाती। जिले के 20 कस्तूरबा गांधी स्कूलों में भरावन, अहिरोरी, टोडरपुर और बेहंदर में कक्षा आठ की छात्राओं को विदाई दी गई। तीन साल साथ-साथ रहीं छात्राएं एक दूसरे से लिपट कर रो रहीं थीं। भरावन के स्कूल में विदाई की बेला पर छात्रा सुनीता देवी ने कार्यक्रम में गीत सुनाया। वार्डेन गिजाल फिरदौस ने जब छात्रा से कुछ पूछना चाहा तो उसने बताया कि अब आगे की पढ़ाई के लिए पापा नहीं भेजेंगे, क्योंकि गांव से कालेज की दूरी बहुत ज्यादा है।
निधि, पम्मी, सोनी, रीतू, पूजा, कीर्ति, दीपिका, अंशिका, वंदना, उपासना आदि छात्राएं ज्यादा भावुक हो गईं। शिक्षक देवेश और संध्या कबीर आदि ने ढांढस बंधाया। अहिरोरी में प्रभारी वार्डेन इति दीक्षित, शिक्षक विनय सिंह, शिक्षिका भारती मिश्र आदि ने छात्राओं को विदा किया। बेंहदर और टोडरपुर स्कूल में भी कक्षा आठ पास करने वाली छात्राओं को विदा किया गया। छात्राओं के मन में इस बात की टीस थी कि जैसा कि पूर्व में आश्वासन दिया गया था कि स्कूल उच्चीकृत होंगे और आगे की शिक्षा भी मिलेगी, पर ऐसा नहीं हुआ।