हरदोई। शहर में रात में हो रही अंधाधुंध बिजली कटौती में आकस्मिक कटौती के नाम पर रात में एक घंटे की कटौती और बढ़ने से लोग बिलबिला उठे हैं। लोगाें का कहना है कि रात की कटौती तत्काल बंद कर पुराना आपूर्ति रोस्टर लागू कर दिया जाए।
व्यापारी नेता पवन जैन कहते हैं कि रात की कटौती से लोगों की दिनचर्या पर असर पड़ता है और इससे हर वर्ग परेशान है। रात की कटौती तत्काल बंद होनी चाहिए। राइस मिल एसोसिएशन के सदस्य प्रवीण अग्रवाल पल्लू कहते हैं कि जिले को पूर्व में भरपूर बिजली मिलती थी और कई सालों तक 24 घंटे बिजली मिली है, जिससे जिले में उद्योगों को बढ़ावा मिला, पर इधर कुछ दिनों से हो रही कटौती से उद्योग धंधे प्रभावित हो रहे हैं। कटौती होनी हो तो पुराना रोस्टर लागू किया जाए। मिल संचालक कैलाश चंद्र डब्बू कहते हैं कि मालिक हो या मजदूर अगर रात में सोएंगे नहीं तो दिन में तरोताजा होकर काम कैसे करेंगे, इसलिए रात की कटौती बंद की जानी चाहिए।
व्यवसायी अशोक गुप्ता रात की बिजली कटौती को गलत ठहराते हुए कहते हैं कि अगर कटौती की ही जानी है तो पुराना रोस्टर लागू किया जाए, ताकि भले ही 16 घंटे बिजली मिले, मगर रात में लोग सुकून महसूस कर सकें। सेवा निवृत्त मुख्य खाद्य निरीक्षक सीपी सिंघल कहते है कि गर्मी में बिजली के बिना आम आदमी कैसे रह पाएगा। रात में होने वाली कटौती से लोगों का चैन छिन गया है। इधर लोग रात के 11 बजे कटौती से जागते हैं और उधर रात में तीन बजे जब लोग गहरी नींद में होते है तो लाइट चली जाती है। लोग फिर जाग जाते हैं। गोपाल अग्रवाल कहते हैं कि कटौती से हाल बेहाल है। रात की कटौती तत्काल बंद की जानी चाहिए। एक कंप्यूटर सेंटर हेड अनूप पुरी कहते हैं कि रात की कटौती से सभी बेहाल हैं और छात्रों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा, जिससे पढ़ाई बाधित हो रही है। शिक्षिका जूली वर्मा कहती है कि रात के समय होने वाली कटौती से सभी को परेशानी होती है, इसलिए रात की बिजली क टौती बंद की जानी चाहिए। उधर, पिछले 12 सालों में अधिकांश समय में जिले को 18 से 20 घंटे बिजली मिलती रही, जबकि 4 साल 24 घंटे बिजली मिली, पर प्रदेश में सरकार किसी की भी रही हो, बिजली का संकट आया तो हरदोई को सुविधाजनक आपूर्ति रोस्टर मिलता रहा है। जिसमें सुबह 10 से अपराह्न 2 बजे तक और शाम 5 से सुबह 5 बजे तक आपूर्ति मिली है। यह आपूर्ति रोस्टर लोगों के बीच काफी सुविधा जनक रहा है।