हरदोई। जिले में पेयजल व्यवस्था को लगाए गए हैंडपंपों की क्या स्थिति है, इसकी हकीकत कचहरी में लगे छह हैंडपंपों से साफ होती है। अर्से से खराब इन हैंडपंपों की मरम्मत को अफसरों को कई बार पत्र भेजे गए, पर नतीजा सिफर रहा। कचहरी में वकील और वादकारियों तक 10 हजार लोगों का नियमित आना जाना है, पर गर्मी में इन्हें पेयजल को जूझना पड़ रहा है।
कचहरी से चंद कदम की दूरी पर जिले के आला अफसर आए दिन बैठक कर हैंडपंपों की मरम्मत के निर्देश देते रहते हैं, इसके बाद भी विभाग चेत नहीं रहा है। जिला जज के पत्र पर भी महकमे के अफसर गंभीर नहीं है। एक पखवाड़े पहले भेजे गए डीजे के पत्र पर भी हैंडपंपों को ठीक नहीं किया गया। शासन के निर्देश के बावजूद जिले में हैंडपंप खराब और तालाब सूखे हैं, जिससे लोग जहां पानी को परेशान हैं, वहीं पशु पक्षी पानी को इधर उधर भटक रहे है। स्थिति दीवानी कोर्ट परिसर में छह हैंडपंप वकीलों और वादकारियों के पेयजल के मद्देनजर लगाए गए थे, पर सभी हैंडपंप खराब हैं और सूखे पड़े हैं, जिससे वादकारियों को भी पानी को इधर उधर जाना पड़ता है। पेशी पर आने वाले बंदियों को सेशन हवालात के आस पास दो हैंडपंप लगवाए गए थे, जो खराब हैं। ऐसे में बंदियों को भी गला तर को पानी को तरसना पड़ता है। कचहरी में पंजीकृत वकीलों की संख्या एक हजार के अलावा वादकारी समेत कर्मचारी आदि की संख्या प्रतिदिन 10 हजार होती है, पर गर्मी में सूखे हैंडपंप होने से निजी संसाधनों पर ही निर्भर रहना पड़ता है। कोर्ट की ओर से बनवाई गई पानी की टंकी से परिसर में सप्लाई दी गई, पर टंकी का पानी पीने से लोग बचते हैं। कहना है कि टंकी के सापेक्ष हैंडपंप का पानी ताजा और शीतल होता है। जिला जज देश भूषण जैन ने चार्ज लेते वक्त पेयजल व्यवस्था दुरुस्त करने को जल निगम के अधिशासी अभियंता को 5 मई को पत्र भेजकर हैंडपंप ठीक कराने के आदेश दिए थे। इसके बावजूद अफसर लापरवाही बरत रहे है। आए दिन डीएम खराब हैंडपंपों को ठीक करने के निर्देश देते हैं, फिर भी अफसर चेत नहीं रहे हैं। उधर, जलनिगम के अधिशासी अभियंता राकेश चौधरी ने कहा कि विभाग खराब हैंडपंपों को रिबोर कराता है मरम्मत नहीं। मरम्मत पालिका कराती हैं, पर कचहरी के हैंडपंप रिबोर हांगे या उनकी मरम्मत होगी इस पर वह चुप्पी साध गए।