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बेरोजगारों के सपनों को लगेंगे पंख
Hardoi
Updated Thu, 17 May 2012 12:00 PM IST
हरदोई। शहर पलायन कर रहे बेरोजगार युवकों को उम्मीद की राह दिखाएगी मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना। स्वरोजगार के लिए लाभार्थियों को योजना के अंतर्गत दस लाख रुपए का कर्ज मिलेगा।
शिक्षित बेरोजगार युवकों का शहर की ओर पलायन रोकने के उद्देश्य से गांव में ही स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार ने जिला सेक्टर के तहत पूंजी निवेश की ग्रामोद्योग इकाइयां ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित करने के लिए योजना प्रारंभ की है। योजना के तहत बैंकों से बेरोजगार युवकों को दस लाख रुपए तक का ऋण स्वीकृत कराया जा सकता है। इसमें चार प्रतिशत ब्याज उद्यमी देगा तथा शेष ब्याज जिला योजना के तहत शासन से प्राप्त धनराशि से संबंधित बैंक को सीधे भेज दिया जाएगा। जिला ग्रामोद्योग अधिकारी सुधीर दुबे ने बताया ग्रामीण औद्योगिक क्षेत्र में उत्तर प्रदेश खादी ग्रामोद्योग बोर्ड की अहम भूमिका है। इसका सीधा संबंध ग्रामीण अर्थव्यवस्था, अनुसूचित जाति व जनजाति, अल्पसंख्यक, महिलाएं, विकलांग भूतपूर्व सैनिक और पिछड़े व कमजोर वर्गो के उत्थान से है।
ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी परंपरागत कौशल को बढ़ावा देने से विकास की अच्छी संभावना हैं। ग्रामीण अंचलों के शिक्षित बेरोजगार युवकों को प्रशिक्षित करके अपने गांव में मनपंसद उद्योग लगाने में बोर्ड सहायता देता है। उन्होेंने बताया योजना के लाभार्थियों की आयु 18 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पालीटेकनिक, आईटीआई के प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को वरीयता दी जाती है। आरक्षित वर्ग, अनुसूचित जाति , अनुसूचित जन जाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, विकलांग, भूतपूर्व सैनिक और महिलाओं को ब्याज मुक्त ऋण देने का प्रावधान किया गया है।
हरदोई। शहर पलायन कर रहे बेरोजगार युवकों को उम्मीद की राह दिखाएगी मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना। स्वरोजगार के लिए लाभार्थियों को योजना के अंतर्गत दस लाख रुपए का कर्ज मिलेगा।
शिक्षित बेरोजगार युवकों का शहर की ओर पलायन रोकने के उद्देश्य से गांव में ही स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार ने जिला सेक्टर के तहत पूंजी निवेश की ग्रामोद्योग इकाइयां ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित करने के लिए योजना प्रारंभ की है। योजना के तहत बैंकों से बेरोजगार युवकों को दस लाख रुपए तक का ऋण स्वीकृत कराया जा सकता है। इसमें चार प्रतिशत ब्याज उद्यमी देगा तथा शेष ब्याज जिला योजना के तहत शासन से प्राप्त धनराशि से संबंधित बैंक को सीधे भेज दिया जाएगा। जिला ग्रामोद्योग अधिकारी सुधीर दुबे ने बताया ग्रामीण औद्योगिक क्षेत्र में उत्तर प्रदेश खादी ग्रामोद्योग बोर्ड की अहम भूमिका है। इसका सीधा संबंध ग्रामीण अर्थव्यवस्था, अनुसूचित जाति व जनजाति, अल्पसंख्यक, महिलाएं, विकलांग भूतपूर्व सैनिक और पिछड़े व कमजोर वर्गो के उत्थान से है।
ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी परंपरागत कौशल को बढ़ावा देने से विकास की अच्छी संभावना हैं। ग्रामीण अंचलों के शिक्षित बेरोजगार युवकों को प्रशिक्षित करके अपने गांव में मनपंसद उद्योग लगाने में बोर्ड सहायता देता है। उन्होेंने बताया योजना के लाभार्थियों की आयु 18 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पालीटेकनिक, आईटीआई के प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को वरीयता दी जाती है। आरक्षित वर्ग, अनुसूचित जाति , अनुसूचित जन जाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, विकलांग, भूतपूर्व सैनिक और महिलाओं को ब्याज मुक्त ऋण देने का प्रावधान किया गया है।