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हरदोई। राष्ट्रीय कृषि विविधीकरण योजना के तहत जिले के गन्ना किसानों को गन्ने के साथ-साथ उर्द एवं मूंग की फसल करने पर उर्द एवं मूंग के बीज पर पचास फीसदी अनुदान मिलेगा। कृषि विभाग द्वारा उक्त योजना के तहत किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए कार्ययोजना बना ली गई है और फरवरी माह के प्रथम सप्ताह से किसानों को 50 फीसदी अनुदान पर उर्द एवं मूंग का बीज उपलब्ध कराना शुरू कर दिया जाएगा।
बताया जाता है कि इस योजना में जिले में इस वर्ष लगभग 4 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में गन्ने के साथ साथ दलहन की खेती कराने का लक्ष्य रखा गया हैं। यह अलग बात हैं कि गन्ना क्षेत्रफल को देखते हुए यह लक्ष्य काफी कम है। इस बाबत उपनिदेशक कृषि वीके तिवारी ने बताया कि जिले में औसतन चालीस से पैंतालिस हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में गन्ने की खेती होती हैं और लगभग डेढ़ लाख से अधिक किसान गन्ने की खेती करते हैं। इस योजना के तहत किसानों को गन्ने की खेती करने के साथ ही दलहन की की खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा हैं।
दरअसल सरकार की मंशा हैं कि गन्ने के साथ दलहन की खेती करने से एक ओर जहां किसानों को लागत की अपेक्षा ज्यादा लाभ कमाने के अवसर सुलभ होंगे, वहीं दलहन की पैदावार भी बढ़ेगी। भारत सरकार ने राष्ट्रीय कृषि विविधीकरण योजना में दलहनी खेती को बढ़ावा देने के लिए बीज आदि पर अनुदान देकर किसानों को प्रोत्साहित करेगा। गन्ने की खेती के साथ उर्द और मूंग आदि दलहनी फसलों की खेती की जा सकती है, इसलिए इस ओर गन्ने की खेती करने वाले किसानाें को प्राथमिकता पर लाभान्वित किया जाएगा।
बताया जाता है कि इस योजना के बारे में गन्ना किसानों तक जानकारी भेजी जा रही है, ताकि वे इस योजना का लाभ उठा सके। उपनिदेशक तिवारी ने बताया अनुदान पर बीज देने का कार्य फरवरी माह के प्रथम सप्ताह से शुरू हो जाएगा।
हरदोई। राष्ट्रीय कृषि विविधीकरण योजना के तहत जिले के गन्ना किसानों को गन्ने के साथ-साथ उर्द एवं मूंग की फसल करने पर उर्द एवं मूंग के बीज पर पचास फीसदी अनुदान मिलेगा। कृषि विभाग द्वारा उक्त योजना के तहत किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए कार्ययोजना बना ली गई है और फरवरी माह के प्रथम सप्ताह से किसानों को 50 फीसदी अनुदान पर उर्द एवं मूंग का बीज उपलब्ध कराना शुरू कर दिया जाएगा।
बताया जाता है कि इस योजना में जिले में इस वर्ष लगभग 4 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में गन्ने के साथ साथ दलहन की खेती कराने का लक्ष्य रखा गया हैं। यह अलग बात हैं कि गन्ना क्षेत्रफल को देखते हुए यह लक्ष्य काफी कम है। इस बाबत उपनिदेशक कृषि वीके तिवारी ने बताया कि जिले में औसतन चालीस से पैंतालिस हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में गन्ने की खेती होती हैं और लगभग डेढ़ लाख से अधिक किसान गन्ने की खेती करते हैं। इस योजना के तहत किसानों को गन्ने की खेती करने के साथ ही दलहन की की खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा हैं।
दरअसल सरकार की मंशा हैं कि गन्ने के साथ दलहन की खेती करने से एक ओर जहां किसानों को लागत की अपेक्षा ज्यादा लाभ कमाने के अवसर सुलभ होंगे, वहीं दलहन की पैदावार भी बढ़ेगी। भारत सरकार ने राष्ट्रीय कृषि विविधीकरण योजना में दलहनी खेती को बढ़ावा देने के लिए बीज आदि पर अनुदान देकर किसानों को प्रोत्साहित करेगा। गन्ने की खेती के साथ उर्द और मूंग आदि दलहनी फसलों की खेती की जा सकती है, इसलिए इस ओर गन्ने की खेती करने वाले किसानाें को प्राथमिकता पर लाभान्वित किया जाएगा।
बताया जाता है कि इस योजना के बारे में गन्ना किसानों तक जानकारी भेजी जा रही है, ताकि वे इस योजना का लाभ उठा सके। उपनिदेशक तिवारी ने बताया अनुदान पर बीज देने का कार्य फरवरी माह के प्रथम सप्ताह से शुरू हो जाएगा।