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पिहानी (हरदोई)। बरी गांव का मैदान अल्लाह की रहमतों के नुजूल के लिए बेताब है। हजारों मुसलमानों का मजमा तीन फरवरी को इसका गवाह बनेगा। इज्तिेमे को लेकर तैयारियां पूरे शबाब पर हैं।
बरी के मैदान में तीन फरवरी को तबलीगी जमाअत का जिला स्तरीय इज्तिेमा होना है। इसमें जमाअत से जुड़े रजाकार अल्लाह और रसूल की बात करेंगे। नमाज पढ़ने और लोगों को अच्छाई की ओर बुलाने तथा बुराई से रोकने के काम में लगने की नसीहतें की जाएंगी। पिहानी, गोपामऊ, अब्दुल्लानगर, मुरदियापुर, राभा व देहलिया आदि के मुसलमान युवकों ने तैयारियोें की कमान संभाल रखी है। इज्तेमागाह में एक स्थायी मसजिद कायम की गई है। इज्तिेमा में होने वाली भारी भीड़ के मद्देनजर यहां दर्जनों स्थायी शौचालय व वजूखाने बनाए गए हैं।
मंगलवार को काम जारी था, जिससे वजूखानों व शौचालयों आदि में पानी मुहैया कराया जाना है। तबलीगी जुमाअत से जुड़े लोग तैयारियों में जुटे हैं। इस समय वाटर प्रूफ पंडाल बनाने का काम जारी है। बल्लियोें के सहारे पालीथिन लगाकर तानी जा रही है और अंदर मौसम के मद्देनजर पुआल पर दरियां आदि बिछाने की तैयारियां हैं। बरी व आसपास के गांवों से मुसलमान भी इसमें बढ़ चढ़ कर हिस्सेदारी कर रहे हैं। खाने पीने के अलावा तमाम व्यवस्थाओं में उनकी उल्लेखनीय भागीदारी है।
पिहानी (हरदोई)। बरी गांव का मैदान अल्लाह की रहमतों के नुजूल के लिए बेताब है। हजारों मुसलमानों का मजमा तीन फरवरी को इसका गवाह बनेगा। इज्तिेमे को लेकर तैयारियां पूरे शबाब पर हैं।
बरी के मैदान में तीन फरवरी को तबलीगी जमाअत का जिला स्तरीय इज्तिेमा होना है। इसमें जमाअत से जुड़े रजाकार अल्लाह और रसूल की बात करेंगे। नमाज पढ़ने और लोगों को अच्छाई की ओर बुलाने तथा बुराई से रोकने के काम में लगने की नसीहतें की जाएंगी। पिहानी, गोपामऊ, अब्दुल्लानगर, मुरदियापुर, राभा व देहलिया आदि के मुसलमान युवकों ने तैयारियोें की कमान संभाल रखी है। इज्तेमागाह में एक स्थायी मसजिद कायम की गई है। इज्तिेमा में होने वाली भारी भीड़ के मद्देनजर यहां दर्जनों स्थायी शौचालय व वजूखाने बनाए गए हैं।
मंगलवार को काम जारी था, जिससे वजूखानों व शौचालयों आदि में पानी मुहैया कराया जाना है। तबलीगी जुमाअत से जुड़े लोग तैयारियों में जुटे हैं। इस समय वाटर प्रूफ पंडाल बनाने का काम जारी है। बल्लियोें के सहारे पालीथिन लगाकर तानी जा रही है और अंदर मौसम के मद्देनजर पुआल पर दरियां आदि बिछाने की तैयारियां हैं। बरी व आसपास के गांवों से मुसलमान भी इसमें बढ़ चढ़ कर हिस्सेदारी कर रहे हैं। खाने पीने के अलावा तमाम व्यवस्थाओं में उनकी उल्लेखनीय भागीदारी है।