हरदोई। रामलीला में सोमवार को शिव और पार्वती विवाह की लीला का मंचन किया गया, जिसमें कलाकारों ने अपने अभिनय से सभी का मन मोह लिया।
मेला श्रीराम लीला कमेटी के संयोजन में नुमाइश मैदान पर हो रही श्रीरामलीला में सोमवार को शिव पार्वती विवाह का मंचन किया गया। लीला शुरू होने पर कलाकारों ने दिखाया कि कामदेव के भस्म होने के बाद शिवजी को विवाह केलिए मना लिया जाता है और समस्त सप्तऋषि राजा हिमांचल के पास जाकर विवाह का प्रस्ताव रखते हैं। जिसकी स्वीकृति मिलने पर सभी देवता और बारात लेकर महल पहुंच जाते हैं, लेकिन बारात में शिवजी का रूप और नाचते भूत प्रेत को देखकर रानी मैना बेहोश हो जाती हैं और शादी से मना कर देती हैं जिस पर शिवजी भी क्र ोधित हो जाते हैं और तांडव शुरू कर देते हैं।
बाद में भगवान विष्णु, ब्रह्माजी और सप्तऋषि के समझाने पर शिवजी मान जाते हैं और वहीं राजा हिमांचल भी मैना रानी को समझाते हैं। जिसके बाद भगवान शंकर एवं माता पार्वती का विवाह होता है। कलाकारों ने शिव विवाह की लीला का बड़ा ही मनमोहक मंचन किया। इस मौके पर मुख्य आयोजक राम प्रकाश शुक्ला, लीला संयोजक कृष्ण अवतार दीक्षित बाले, वियोग चंद्र मिश्र आदि मौजूद थे। गोविंद गोपाल लीला संस्थान के निर्देशक कन्हैयालाल दत्तात्रेय के निर्देशन में कलाकारों द्वारा रामलीला का मंचन किया जा रहा है।
हरदोई। रामलीला में सोमवार को शिव और पार्वती विवाह की लीला का मंचन किया गया, जिसमें कलाकारों ने अपने अभिनय से सभी का मन मोह लिया।
मेला श्रीराम लीला कमेटी के संयोजन में नुमाइश मैदान पर हो रही श्रीरामलीला में सोमवार को शिव पार्वती विवाह का मंचन किया गया। लीला शुरू होने पर कलाकारों ने दिखाया कि कामदेव के भस्म होने के बाद शिवजी को विवाह केलिए मना लिया जाता है और समस्त सप्तऋषि राजा हिमांचल के पास जाकर विवाह का प्रस्ताव रखते हैं। जिसकी स्वीकृति मिलने पर सभी देवता और बारात लेकर महल पहुंच जाते हैं, लेकिन बारात में शिवजी का रूप और नाचते भूत प्रेत को देखकर रानी मैना बेहोश हो जाती हैं और शादी से मना कर देती हैं जिस पर शिवजी भी क्र ोधित हो जाते हैं और तांडव शुरू कर देते हैं।
बाद में भगवान विष्णु, ब्रह्माजी और सप्तऋषि के समझाने पर शिवजी मान जाते हैं और वहीं राजा हिमांचल भी मैना रानी को समझाते हैं। जिसके बाद भगवान शंकर एवं माता पार्वती का विवाह होता है। कलाकारों ने शिव विवाह की लीला का बड़ा ही मनमोहक मंचन किया। इस मौके पर मुख्य आयोजक राम प्रकाश शुक्ला, लीला संयोजक कृष्ण अवतार दीक्षित बाले, वियोग चंद्र मिश्र आदि मौजूद थे। गोविंद गोपाल लीला संस्थान के निर्देशक कन्हैयालाल दत्तात्रेय के निर्देशन में कलाकारों द्वारा रामलीला का मंचन किया जा रहा है।