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अतरौली-बेहंदर (हरदोई)। जीवित अवस्था में ही समाधि लेने जा रही वृद्धा को पुलिस थाने ले आई, जहां से समझा-बुझाकर उसे वापस घर भेजा गया।
मामला कासिमपुर थाने के दुलारपुर गांव का है। यहां की 70 वर्षीय बेला कुमारी यादव को पुजारिन के नाम से जाना जाता है। पुजारिन दोनों पैरों से विकलांग व अनपढ़ हैं। उन्होंने अपने घर के दरवाजे पर चंदे से राधा-कृष्ण का मंदिर बनवाया है। यहां भागवत कथा करा रही हैं। शनिवार को कथा के समापन पर उन्होंने समाधि लेने की घोषणा कर दी। इसके लिए बाकायदा गड्ढा भी खुदवा लिया। इसकी भनक पाकर शुक्रवार को गांव पहुंची पुलिस ने गड्ढा समतल कराया और वृद्धा को अपने साथ थाने ले गई। वहां समझाया-बुझाया गया। समाधि लेने का इरादा छोड़ने पर उन्हें वापस गांव भेज दिया गया। थानाध्यक्ष राजकुमार सरोज ने बताया कि वृद्धा के घर के पास पुलिस की निगरानी बढ़ा दी गई है। ब्यूरो
अतरौली-बेहंदर (हरदोई)। जीवित अवस्था में ही समाधि लेने जा रही वृद्धा को पुलिस थाने ले आई, जहां से समझा-बुझाकर उसे वापस घर भेजा गया।
मामला कासिमपुर थाने के दुलारपुर गांव का है। यहां की 70 वर्षीय बेला कुमारी यादव को पुजारिन के नाम से जाना जाता है। पुजारिन दोनों पैरों से विकलांग व अनपढ़ हैं। उन्होंने अपने घर के दरवाजे पर चंदे से राधा-कृष्ण का मंदिर बनवाया है। यहां भागवत कथा करा रही हैं। शनिवार को कथा के समापन पर उन्होंने समाधि लेने की घोषणा कर दी। इसके लिए बाकायदा गड्ढा भी खुदवा लिया। इसकी भनक पाकर शुक्रवार को गांव पहुंची पुलिस ने गड्ढा समतल कराया और वृद्धा को अपने साथ थाने ले गई। वहां समझाया-बुझाया गया। समाधि लेने का इरादा छोड़ने पर उन्हें वापस गांव भेज दिया गया। थानाध्यक्ष राजकुमार सरोज ने बताया कि वृद्धा के घर के पास पुलिस की निगरानी बढ़ा दी गई है। ब्यूरो