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हरदोई। बाल विकास विभाग ने आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत बच्चों व गर्भवती महिलाओं के लिए मांगलिक कार्यक्रमों की रौनक और बढ़ेगी। आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों के अन्नप्रासन व गर्भवती महिलाओं की गोदभराई जैसे मांगलिक कार्यों के आयोजन को बाल विकास निदेशालय ने अलग से धनराशि देने का फैसला करते हुए हर केंद्र का अलग से फंड भी बनाने के निर्देश दिए।
निर्देश आने के बाद जिला स्तर से कार्रवाई शुरू कर दी गई। बाल विकास विभाग ने लोगों में आंगनबाड़ी के प्रति जागरूकता लाने को केंद्रों पर कई प्रकार के आयोजन को शुरू कर दिया है। आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों के अन्नप्रासन तथा गर्भवती महिलाओं की गोदभराई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन मांगलिक कार्यक्रमों के लिए वैसे तो अभी तक धनराशि अलग से नहीं दी जाती थी, पर अब अन्न प्रासन व गोद भराई के कार्यक्रम और भी बेहतर ढंग से कराए जाएंगे। केंद्रों पर मांगलिक कार्यक्रम को बाल विकास विभाग ने अलग से धनराशि दी है, ताकि कार्यक्रमों का आयोजन धूमधाम से कराया जा सके। इसके लिए हर केंद्र का अलग से फंड बनाया गया। फ्लैक्सी फंड तैयार कर हर केंद्र को एक हजार रुपए दिए जाएंगे, जिनमें अन्नप्रासन व गोदभराई कार्यक्रम के अलावा अति कुपोषित बच्चे के इलाज पर भी खर्च किया जाएगा। वहीं धनराशि का प्रयोग कार्यकत्री अपने मनोयोग से आकस्मिक पर कर सकेंगी। निदेशालय से निर्देश आने के बाद हर केंद्र का फ्लैक्सी फंड खोल कर धनराशि खाते में अंतरित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रकाश कुमार ने बताया कि एक सप्ताह में प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और खातों में धनराशि भेज दी जाएगी। उधर, फ्लैक्सी फंड में धनराशि भेजने के बाद उस राशि के व्यय का सत्यापन हर तीन माह पर कराने के निर्देश दिए गए हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने फ्लैक्सी फंड की धनराशि के ब्योरे के सत्यापन सीडीपीओ के माध्यम से कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सीडीपीओ को सुपरवाइजरों के माध्यम से सत्यापन कराने का आदेश दिया है।
हरदोई। बाल विकास विभाग ने आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत बच्चों व गर्भवती महिलाओं के लिए मांगलिक कार्यक्रमों की रौनक और बढ़ेगी। आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों के अन्नप्रासन व गर्भवती महिलाओं की गोदभराई जैसे मांगलिक कार्यों के आयोजन को बाल विकास निदेशालय ने अलग से धनराशि देने का फैसला करते हुए हर केंद्र का अलग से फंड भी बनाने के निर्देश दिए।
निर्देश आने के बाद जिला स्तर से कार्रवाई शुरू कर दी गई। बाल विकास विभाग ने लोगों में आंगनबाड़ी के प्रति जागरूकता लाने को केंद्रों पर कई प्रकार के आयोजन को शुरू कर दिया है। आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों के अन्नप्रासन तथा गर्भवती महिलाओं की गोदभराई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन मांगलिक कार्यक्रमों के लिए वैसे तो अभी तक धनराशि अलग से नहीं दी जाती थी, पर अब अन्न प्रासन व गोद भराई के कार्यक्रम और भी बेहतर ढंग से कराए जाएंगे। केंद्रों पर मांगलिक कार्यक्रम को बाल विकास विभाग ने अलग से धनराशि दी है, ताकि कार्यक्रमों का आयोजन धूमधाम से कराया जा सके। इसके लिए हर केंद्र का अलग से फंड बनाया गया। फ्लैक्सी फंड तैयार कर हर केंद्र को एक हजार रुपए दिए जाएंगे, जिनमें अन्नप्रासन व गोदभराई कार्यक्रम के अलावा अति कुपोषित बच्चे के इलाज पर भी खर्च किया जाएगा। वहीं धनराशि का प्रयोग कार्यकत्री अपने मनोयोग से आकस्मिक पर कर सकेंगी। निदेशालय से निर्देश आने के बाद हर केंद्र का फ्लैक्सी फंड खोल कर धनराशि खाते में अंतरित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रकाश कुमार ने बताया कि एक सप्ताह में प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और खातों में धनराशि भेज दी जाएगी। उधर, फ्लैक्सी फंड में धनराशि भेजने के बाद उस राशि के व्यय का सत्यापन हर तीन माह पर कराने के निर्देश दिए गए हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने फ्लैक्सी फंड की धनराशि के ब्योरे के सत्यापन सीडीपीओ के माध्यम से कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सीडीपीओ को सुपरवाइजरों के माध्यम से सत्यापन कराने का आदेश दिया है।