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भैंसा दौड़ में पशुओं की मौत के बाद जागा प्रशासन, जाने क्या हुआ...
गढ़मुक्तेश्वर। कार्तिक पूर्णिमा मेले के दौरान होने वाली भैंसा दौड़ हादसों का कारण बनती है। हार-जीत में लाखों रुपयों समेत जीतने वाले को इनाम में बाइक दी जाती है। इसके चलते पशु मालिक अंधाधुंध अपने पशुओं को हाईवे समेत सड़कों पर दौड़ाते है। प्रशासन द्वार दौड़ पर प्रतिबंध के बावजूद भी इस पर अंकुश नहीं लगा सका। भैंसा दौड़ में चार पशुओं की मौत और हर्ष फायरिंग की खबर को अमर उजाला ने प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था। जिसके बाद प्रशासन ने मेरठ रोड पर अभियान चलाकर दौड़ रुकवाई और बुधवार को जीत में मिली बाइक को सीज किया।
कार्तिक पूर्णिमा मेले के दौरान पशु दौड़ पर प्रशासन के आदेश पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया था। इसके बावजूद दो नवंबर से चार नवंबर के बीच मेरठ की तरफ से आने वाले ग्रामीणों के बीच लाखों रुपयों की बाजी लगाकर भैंसा दौड़ का आयोजन किया गया। दौड़ के दौरान साथ में चल रहे बाइकर्स ने गढ़ चौपले पर पहुंचकर हर्ष फायरिंग भी की। जिससे क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया था। वहीं दो दिन हुई दौड़ में चार पशुओं की भी जान चली गई। जिसके बाद चेते पुलिस-प्रशासन ने मंगलवार की रात गढ़-मेरठ रोड़ समेत हाईवे पर सघन अभियान चलाया। इस दौरान मेरठ की तरफ से आ रही एक भैंसा दौड़ को रुकवा लिया गया। इंस्पेक्टर राजपाल सिंह तोमर ने बताया कि दौड़ में हार-जीत पर बाइक की बाजी लगी हुई थी। जिसमें जीती गई बाइक को पुलिस ने सीज कर दिया। इसके साथ ही दौड़ में शामिल लोगों को मेला क्षेत्र में पहुंचने से पहले ही वापस लौटा दिया गया। वहीं खादर मेले में हथियार लेकर हुड़दंग करने वालों के खिलाफ भी अभियान चलाया गया। जिसमें लाइसेंसी रिवाल्वर लेकर हंगामा कर रहे एक युवक को गिरफ्तार किया गया। इंस्पेक्टर ने बताया कि पूछताछ में युवक ने अपना नाम भूपेंद्र निवासी गांव सुराना जनपद गाजियाबाद बताया है। जिसके पास मिले लाइसेंसी रिवाल्वर और तीन कारतूसों और एक खुली जीप को कब्जे में ले लिया गया है। उन्होंने बताया कि पशु दौड़ समेत हुड़दंग करने वालों पर शिकंजा कसा जाएगा।
भैंसा दौड़ में पशुओं की मौत के बाद जागा प्रशासन, जाने क्या हुआ...
गढ़मुक्तेश्वर। कार्तिक पूर्णिमा मेले के दौरान होने वाली भैंसा दौड़ हादसों का कारण बनती है। हार-जीत में लाखों रुपयों समेत जीतने वाले को इनाम में बाइक दी जाती है। इसके चलते पशु मालिक अंधाधुंध अपने पशुओं को हाईवे समेत सड़कों पर दौड़ाते है। प्रशासन द्वार दौड़ पर प्रतिबंध के बावजूद भी इस पर अंकुश नहीं लगा सका। भैंसा दौड़ में चार पशुओं की मौत और हर्ष फायरिंग की खबर को अमर उजाला ने प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था। जिसके बाद प्रशासन ने मेरठ रोड पर अभियान चलाकर दौड़ रुकवाई और बुधवार को जीत में मिली बाइक को सीज किया।
कार्तिक पूर्णिमा मेले के दौरान पशु दौड़ पर प्रशासन के आदेश पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया था। इसके बावजूद दो नवंबर से चार नवंबर के बीच मेरठ की तरफ से आने वाले ग्रामीणों के बीच लाखों रुपयों की बाजी लगाकर भैंसा दौड़ का आयोजन किया गया। दौड़ के दौरान साथ में चल रहे बाइकर्स ने गढ़ चौपले पर पहुंचकर हर्ष फायरिंग भी की। जिससे क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया था। वहीं दो दिन हुई दौड़ में चार पशुओं की भी जान चली गई। जिसके बाद चेते पुलिस-प्रशासन ने मंगलवार की रात गढ़-मेरठ रोड़ समेत हाईवे पर सघन अभियान चलाया। इस दौरान मेरठ की तरफ से आ रही एक भैंसा दौड़ को रुकवा लिया गया। इंस्पेक्टर राजपाल सिंह तोमर ने बताया कि दौड़ में हार-जीत पर बाइक की बाजी लगी हुई थी। जिसमें जीती गई बाइक को पुलिस ने सीज कर दिया। इसके साथ ही दौड़ में शामिल लोगों को मेला क्षेत्र में पहुंचने से पहले ही वापस लौटा दिया गया। वहीं खादर मेले में हथियार लेकर हुड़दंग करने वालों के खिलाफ भी अभियान चलाया गया। जिसमें लाइसेंसी रिवाल्वर लेकर हंगामा कर रहे एक युवक को गिरफ्तार किया गया। इंस्पेक्टर ने बताया कि पूछताछ में युवक ने अपना नाम भूपेंद्र निवासी गांव सुराना जनपद गाजियाबाद बताया है। जिसके पास मिले लाइसेंसी रिवाल्वर और तीन कारतूसों और एक खुली जीप को कब्जे में ले लिया गया है। उन्होंने बताया कि पशु दौड़ समेत हुड़दंग करने वालों पर शिकंजा कसा जाएगा।