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गढ़मुक्तेश्वर। पौष पूर्णिमा पर रविवार को एक लाख से भी अधिक श्रद्धालुओं ने मोक्षदायिनी गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। कड़कड़ाती ठंड भी श्रद्धालुओं की आस्था को डिगा नहीं पाई। ब्रजघाट में शनिवार देर शाम से ही श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया था। रविवार को तो नेशनल हाईवे पर चार घंटों तक तक जाम जैसी स्थिति बनी रही। इससे श्रद्धालुओं समेत तमाम यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
कुंभ मेले में जाने से वंचित रहे श्रद्धालुओं ने पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर रविवार को प्रात:काल के शुभ मुहूर्त के मध्य ब्रजघाट गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। पौष पूर्णिमा के मद्देनजर दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान सहित वेस्ट यूपी के श्रद्धालुओं का आगमन शनिवार की देर शाम को ही प्रारंभ हो चुका था। इसके चलते रात होने तक तीर्थ नगरी में चौतरफा चहल-पहल और बाजारों में रौनक बढ़ गई थी। तीर्थ नगरी की सैकड़ों धर्मशाला, मंदिर एवं आश्रम परिसर भीड़ से फुल हो गए थे। इसके चलते बाद में आने वालों को रेलवे स्टेशन, मुख्य बाजार एवं शिव चौक के आसपास दुकानों की शेड के नीचे रात बिताने पर मजबूर होना पड़ा। प्रात:काल होते ही श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा किनारे एकत्र हो गई। जहां कड़कड़ाती ठंड की परवाह किए बिना श्रद्धालुओं ने हर-हर गंगे के जयकारों के बीच मोक्षदायिनी पतित पावनी गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। गंगा स्नान का क्रम रविवार की दोपहर होने के बाद तक निरंतर चलता रहा। अधिकांश श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद किनारे पर बैठे पंडितों से भगवान सत्य नारायण की कथा सुनी और मंदिरों में पहुंचकर अपने ईष्ट देवों की पूजा अर्चना कर मनौती मांगी।
गरीब और निराश्रितों की सहायता
दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ सहित विभिन्न महानगरों से पौष पूर्णिमा पर गंगा में डुबकी लगाने आए लोगों ने पुण्य अर्जित करने के मकसद से गरीब और निराश्रितों को कंबल, भोजन सहित नगद राशि का दान भी किया।
गढ़मुक्तेश्वर। पौष पूर्णिमा पर रविवार को एक लाख से भी अधिक श्रद्धालुओं ने मोक्षदायिनी गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। कड़कड़ाती ठंड भी श्रद्धालुओं की आस्था को डिगा नहीं पाई। ब्रजघाट में शनिवार देर शाम से ही श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया था। रविवार को तो नेशनल हाईवे पर चार घंटों तक तक जाम जैसी स्थिति बनी रही। इससे श्रद्धालुओं समेत तमाम यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
कुंभ मेले में जाने से वंचित रहे श्रद्धालुओं ने पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर रविवार को प्रात:काल के शुभ मुहूर्त के मध्य ब्रजघाट गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। पौष पूर्णिमा के मद्देनजर दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान सहित वेस्ट यूपी के श्रद्धालुओं का आगमन शनिवार की देर शाम को ही प्रारंभ हो चुका था। इसके चलते रात होने तक तीर्थ नगरी में चौतरफा चहल-पहल और बाजारों में रौनक बढ़ गई थी। तीर्थ नगरी की सैकड़ों धर्मशाला, मंदिर एवं आश्रम परिसर भीड़ से फुल हो गए थे। इसके चलते बाद में आने वालों को रेलवे स्टेशन, मुख्य बाजार एवं शिव चौक के आसपास दुकानों की शेड के नीचे रात बिताने पर मजबूर होना पड़ा। प्रात:काल होते ही श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा किनारे एकत्र हो गई। जहां कड़कड़ाती ठंड की परवाह किए बिना श्रद्धालुओं ने हर-हर गंगे के जयकारों के बीच मोक्षदायिनी पतित पावनी गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। गंगा स्नान का क्रम रविवार की दोपहर होने के बाद तक निरंतर चलता रहा। अधिकांश श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद किनारे पर बैठे पंडितों से भगवान सत्य नारायण की कथा सुनी और मंदिरों में पहुंचकर अपने ईष्ट देवों की पूजा अर्चना कर मनौती मांगी।
गरीब और निराश्रितों की सहायता
दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ सहित विभिन्न महानगरों से पौष पूर्णिमा पर गंगा में डुबकी लगाने आए लोगों ने पुण्य अर्जित करने के मकसद से गरीब और निराश्रितों को कंबल, भोजन सहित नगद राशि का दान भी किया।