गढ़मुक्तेश्वर (ब्यूरो)। गंगा आरती घोटाले से संबंधित अभिलेख कब्जे में लेने के बाद नगर पालिका ने जांच शुरू कर दी है। एसडीएम ने पूर्व पालिकाध्यक्ष सहित गंगा आरती समिति के अध्यक्ष एवं समस्त सदस्यों को तीन दिन के भीतर कार्यालय पहुंचने के निर्देश दिए हैं।
ब्रजघाट में हरिद्वार की तर्ज पर वर्ष 2002 में शुरू की गई गंगा आरती की देखरेख के लिए वर्ष 2008 में गढ़ पालिका तरफ से समिति का गठन किया गया था। गंगा सेवा समिति अध्यक्ष विनय मिश्रा तथा व्यापारी नेता जितेन्द्र गोयल की शिकायत पर दो माह पूर्व गढ़ एसडीएम पुष्पराज सिंह ने इसकी जांच शुरू की।
उन्होंने पालिका चुनाव से पूर्व आरती का जिम्मा समिति से लेते हुए व्यापार मंडल के सुपुर्द कर दिया। बाद में एसडीएम ने पालिका अधिशासी अधिकारी को साथ लेकर दो दिन पूर्व गंगा आरती रूम में छापा मारकर अलमारी से अभिलेख निकालकर अपने कब्जे में ले लिए थे। अधिशासी अधिकारी अनुज कौशिक ने बताया कि अभिलेखों की सूची तैयार कर ली गई है। काटी गई रसीदें, एकत्र धन तथा खर्चे की जांच शुरू कर दी गई है। एसडीएम ने बताया कि अभिलेखों में आरती में दान आया पैसा लेने का मामला अंकित है लेकिन किस उद्देश्य से पैसा लिया गया है इसका कोई रिकार्ड नहीं है। उन्होंने बताया कि गंगा आरती समिति के अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, सचिव एवं समस्त सदस्यों सहित पूर्व पालिकाध्यक्ष को नोटिस जारी किए गए हैं, जो 21 अगस्त को कार्यालय में बयान अंकित कराएंगे।
गढ़मुक्तेश्वर (ब्यूरो)। गंगा आरती घोटाले से संबंधित अभिलेख कब्जे में लेने के बाद नगर पालिका ने जांच शुरू कर दी है। एसडीएम ने पूर्व पालिकाध्यक्ष सहित गंगा आरती समिति के अध्यक्ष एवं समस्त सदस्यों को तीन दिन के भीतर कार्यालय पहुंचने के निर्देश दिए हैं।
ब्रजघाट में हरिद्वार की तर्ज पर वर्ष 2002 में शुरू की गई गंगा आरती की देखरेख के लिए वर्ष 2008 में गढ़ पालिका तरफ से समिति का गठन किया गया था। गंगा सेवा समिति अध्यक्ष विनय मिश्रा तथा व्यापारी नेता जितेन्द्र गोयल की शिकायत पर दो माह पूर्व गढ़ एसडीएम पुष्पराज सिंह ने इसकी जांच शुरू की।
उन्होंने पालिका चुनाव से पूर्व आरती का जिम्मा समिति से लेते हुए व्यापार मंडल के सुपुर्द कर दिया। बाद में एसडीएम ने पालिका अधिशासी अधिकारी को साथ लेकर दो दिन पूर्व गंगा आरती रूम में छापा मारकर अलमारी से अभिलेख निकालकर अपने कब्जे में ले लिए थे। अधिशासी अधिकारी अनुज कौशिक ने बताया कि अभिलेखों की सूची तैयार कर ली गई है। काटी गई रसीदें, एकत्र धन तथा खर्चे की जांच शुरू कर दी गई है। एसडीएम ने बताया कि अभिलेखों में आरती में दान आया पैसा लेने का मामला अंकित है लेकिन किस उद्देश्य से पैसा लिया गया है इसका कोई रिकार्ड नहीं है। उन्होंने बताया कि गंगा आरती समिति के अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, सचिव एवं समस्त सदस्यों सहित पूर्व पालिकाध्यक्ष को नोटिस जारी किए गए हैं, जो 21 अगस्त को कार्यालय में बयान अंकित कराएंगे।