डीएम स्कूल में हुए मुशायरे और कवि सम्मेलन में शायरों और कवियों ने की शिरकत
गढ़मुक्तेश्वर। बुझते दिए पर हवा ने असर किया, मां ने दुआएं कीं तो दवा ने असर किया। गढ़-शाहपुर रोड स्थित डीएम स्कूल में मंगलवार की रात को आयोजित मुशायरा और कवि सम्मेलन में प्रसिद्ध शायर डॉ.नवाज देवबंदी ने अपनी इस गज़ल से जोश भर दिया।
एसपी अब्दुल हमीद ने दीप प्रज्ज्वलित कर शाम-ए-गज़ल कार्यक्रम का शुभारंभ किया। डॉ.हरिओम पंवार ने अपनी रचना वो कलम नहीं जो बिक जाती हो दरबारों में, देश जले मैं कुछ न बोलूं, नहीं मैं ऐसे गद्दारों में। आपसी भाईचारे का पैगाम देते हुए उन्होंने पढ़ा दरिया हूं मैं भेदभाव को क्यों जानूं, मेरे लिए तो दोनों किनारे एक से हैं। जिसके दिल में तू है मौला, उनके लिए मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे एक से हैं। कानपुर से आए डॉ. सुरेश अवस्थी ने बजरंगबली में अली और रमजान में है राम, तो फिर क्यों मचा रहे हो कोहराम। डॉ.प्रवीण शुक्ला ने गंगा मैया में फैल रहे प्रदूषण और पाश्चात्य संस्कृति के बढ़ते दुष्प्रभाव पर कटाक्ष किया कि पतित पावनी नदी दूजी नहीं दुनियां में, गंगा मैया पाप को भी पुण्य कर देती है। कार्यक्रम में खाड़ी देश कतर से आए नदीम माहिर, महेन्द्र अजनबी एवं मुमताज नसीम ने भी अपनी गजलें सुनाईं।
स्कूल प्रबंधक राजपाल सिंह, प्रिंसिपल मंजू चौधरी, प्रबंधक राजेन्द्र सिंह ने एसपी अब्दुल हमीद, एसडीएम पुष्पराज सिंह, डीएसपी बीके श्रीवास्तव तथा कवियों को सम्मानित किया। भाकियू प्रांतीय उपाध्यक्ष सतबीर सिंह, गुरूकुल पूठ संस्थापक स्वामी धर्मेश्वरानंद, दिनेश खेड़ा, भारत भूषण गर्ग, महेश मिश्रा, डॉ.लताफत हुसैन, मुजम्मिल हयात, कपिल बिसला, हाजी शराफत, शहजाद दौताई, साजदा बेगम, प्रधान आरिफ, खुशनूद जूनियर, रियाज पाशा, हारून तोमर मौजूद रहे।