हमीरपुर। खोखाधारकों और नगर परिषद के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है। खोखाधारकों ने खोखों को गिराए जाने के डर से कोर्ट की शरण ली है। बस अड्डे के बाहर के 20 खोखाधारकों ने कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें खोखाधारकों ने खोखों को गिराए न जाने की अपील की है। इसके पीछे खोखाधारकों ने दलील दी है कि वह पिछले 30 सालों से किराया दे रहे हैं और उन्हें गैर कानूनी तरीके से खोखों से न हटाया जाए। याचिका में खोखाधारकों ने कहा है कि पहले उनके लिए नए खोखे तैयार किए जाएं, उसके बाद ही पुराने खोखे अपनी जगह से हटाए जाएं। खोखाधारकों का कहना है कि यदि पुराने खोखे गिराए जाते हैं तो उनको रोजी रोटी के लाले पड़ जाएंगे और नए खोखे तैयार होने तक वह सड़क पर आ जाएंगे।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब तक 20 खोखाधारकों ने कोर्ट में वकील के जरिए याचिका दायर कर दी है। इन खोखाधारकों में पवन कुमार, प्रतीक शर्मा, किशोरी लाल, सुरेंद्र कुमार, ज्ञान चंद, करतार चंद, रोशन लाल, अमर चंद, नरेंद्र कुमार, कश्मीर सिंह, ईश्वर दास, परमानंद, कुलदीप स्वरूप, शकुंतला देवी, जय राम, विजय कुमार, रोशन लाल, अमर चंद शामिल हैं। 23 खोखाधारकों की याचिका तैयार कर दायर करने की तैयारी की जा रही है।
इस मामले की पुष्टि करते हुए खोखाधारकों के वकील मूल राज शर्मा ने पुष्टि करते हुए बताया कि 20 खोखाधारकों की याचिका दर्ज करवा दी गई है। खोखाधारकों की तरफ से सचिव शिक्षा विभाग शिमला, जिला उपायुक्त, पीडब्ल्यूडी विभाग शिमला और नगर परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष को नोटिस जारी होंगे।
क्या था मामला--
हमीरपुर। नगर परिषद द्वारा बस अड्डे के बाहर खोखाधारकों के लिए नए खोखे बनाए जाने के लिए 1 लाख 35 हजार रुपए जमा करवाने के लिए कहा गया था। इसके लिए नगर परिषद ने खोखाधारकों को 15 मई तक का समय दिया गया था। लेकिन खोखाधारकों ने रुपए जमा करवाने से मना कर दिया था।