हमीरपुर। चौथे वित्त आयोग पर पंचायत प्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता चौथे वित्त आयोग के अध्यक्ष व विधायक दिले राम ने की। इस बैठक में खंड विकास अधिकारी सुनील चंदेल, जिला पंचायत अधिकारी सतीश शर्मा भी उपस्थित रहे। इसके अलावा वित्त आयोग के सदस्य सचिव डा. एसके शाद, उपनिदेशक नीता गौतम, जिला योजना अधिकारी रविंद्र, नगर परिषद उपाध्यक्ष धर्मेंद्र शर्मा, वीर सिंह, राम कुमार, विनोद कुमार, चंद्र शेखर, ऊषा देवी, रक्षा परमार, कमला देवी, उर्मिला देवी, मंगेश्वर सहित कई अन्य मौजूद थे।
बैठक के दौरान चौथे वित्त आयोग के ऊपर विस्तार से चर्चा की गई। वित्त आयोग के अध्यक्ष दिले राम ने बताया कि चौथे वित्त आयोग का गठन 21 मई 2011 को किया गया है। आयोग को सरकार ने पंचायती राज संस्थाओें, शहरी स्थानीय निकायों के मध्य सरकार द्वारा लगाए करों, शुल्कों, पथकरों, फीस से प्राप्त आय को संचित निधि से अनुदान देने का कार्य सौंपा गया है। उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत ही फसलों के रखरखाव का कार्य किया जाएगा। बंदराें व आवारा पशुओं के कारण फसलों को काफी नुकसान पहुंचता है। उन्होंने इस समस्या को ध्यान में रखते हुए मनरेगा के माध्यम से ही इसका समाधान किए जाने की बात कही। पंचायतों में कार्य 60-40 की रेशो से किया जाएगा, जिसमें साठ प्रतिशत सामग्री व चालीस प्रतिशत मजदूरी के ऊपर खर्च किया जाएगा। यह योजना शीघ्र ही लागू हो जाएगी।
इस दौरान उन्होंने 2012 से 2017 तक वित्त आयोग की संस्तुतियां पेश करने की भी बात कही। बैठक में पंचायत प्रधानों को एक प्रपत्र भी दिया गया, जिसमें उन्हें पंचायत की वास्तविक आए, व्यय की रिपोर्ट देनी होगी। प्रपत्र पंचायत प्रधानों को लोक मित्र केंद्रों के माध्यम से भी मिल सकते हैं। पंचायत प्रधानों को प्रपत्र भरकर वित्त आयोग को भेजने होंगे। बैठक में पंचायत प्रधानों से आय-व्यय में तालमेल बिठाने के लिए आ रही कठिनाइयों, नियमों, कराें को उगाहने की प्रक्रि या में संशोधन हेतु भी विचार जाने गए। बैठक में पंचायतों के प्रधान सहित सचिवों व पंचायत सहायकों ने भी भाग लिया।