टौणी देवी (हमीरपुर)। पांच माह पहले आग से गंभीर रूप से झुलसे स्वाणा गांव के प्यार चंद को इलाज के लिए मददगार हाथों की जरूरत है। उपचार के लिए पैसों की दरकार लिए वह दर दर भटकने को मजबूर है। पीजीआई चंडीगढ़ में इलाज के लिए उसे डेढ़ लाख रुपए से अधिक की जरूरत है, लेकिन उसके पास चंडीगढ़ तक पहुंचने के लिए भी पैसे नहीं है। प्यार चंद को इस स्थिति में दो वक्त की रोटी के भी लाले पड़ने लगे है तथा बच्चों की पढ़ाई भी निरंतर प्रभावित हो रही है।
क्षेत्र की पौंहज पंचायत के स्वाणा निवासी 38 वर्षीय प्यार चंद पुत्र रोशन लाल का परिवार मेहनत मजदूरी से पल रहा था। लगभग पांच माह पहले घर में वह स्टोव पर चाय बना रहा था और पंप मारते ही स्टोव का धमाका हो गया। घटना के दौरान उसने नायलोन की स्वैटर पहली हुई थी। आग लगने से उसकी छाती से लेकर गले तक और हाथ बुरी तरह से झुलस गए। हमीरपुर व टांडा में उपचार कराने के बाद भी अभी तक उसे कोई खास राहत उपचार में नहीं मिल पाई है।
टांडा में डेढ़ माह उपचार कराने के बाद उसे पीजीआई चंडीगढ़ में उपचार की सलाह दी गई है। प्रचंड गर्मी के आते ही दिन व रात को उसका व पूरे परिवार का सुकुन छिन गया है। छाती व गले पर गहरी घाव हैं, जिससे उसकी जिंदगी बदहाल हो चुकी है। प्यार चंद की पत्नी कृष्णी देवी व दो पुत्र हेम राज व संजीव कुमार पिता की हालत को लेकर खासे परेशानी में है। दोनों पुत्र आठवीं कक्षा में पढ़ते हैं, लेकिन घर की स्थिति खराब होने के बाद स्कूल में पढ़ाई तक प्रभावित हो रही है। घर का चूल्हा भी कभी कभार ही जल रहा है। दो वक्त की रोटी जुटाना अब काफी मुश्किल हो गया है। उसे मदद की दरकार है।
फोटो 16 एचएमपीपी 17 ---- प्यार चंद अपनी पत्नी और पुत्र के साथ अपनी हकीकत बयां करते हुए।
टौणी देवी (हमीरपुर)। पांच माह पहले आग से गंभीर रूप से झुलसे स्वाणा गांव के प्यार चंद को इलाज के लिए मददगार हाथों की जरूरत है। उपचार के लिए पैसों की दरकार लिए वह दर दर भटकने को मजबूर है। पीजीआई चंडीगढ़ में इलाज के लिए उसे डेढ़ लाख रुपए से अधिक की जरूरत है, लेकिन उसके पास चंडीगढ़ तक पहुंचने के लिए भी पैसे नहीं है। प्यार चंद को इस स्थिति में दो वक्त की रोटी के भी लाले पड़ने लगे है तथा बच्चों की पढ़ाई भी निरंतर प्रभावित हो रही है।
क्षेत्र की पौंहज पंचायत के स्वाणा निवासी 38 वर्षीय प्यार चंद पुत्र रोशन लाल का परिवार मेहनत मजदूरी से पल रहा था। लगभग पांच माह पहले घर में वह स्टोव पर चाय बना रहा था और पंप मारते ही स्टोव का धमाका हो गया। घटना के दौरान उसने नायलोन की स्वैटर पहली हुई थी। आग लगने से उसकी छाती से लेकर गले तक और हाथ बुरी तरह से झुलस गए। हमीरपुर व टांडा में उपचार कराने के बाद भी अभी तक उसे कोई खास राहत उपचार में नहीं मिल पाई है।
टांडा में डेढ़ माह उपचार कराने के बाद उसे पीजीआई चंडीगढ़ में उपचार की सलाह दी गई है। प्रचंड गर्मी के आते ही दिन व रात को उसका व पूरे परिवार का सुकुन छिन गया है। छाती व गले पर गहरी घाव हैं, जिससे उसकी जिंदगी बदहाल हो चुकी है। प्यार चंद की पत्नी कृष्णी देवी व दो पुत्र हेम राज व संजीव कुमार पिता की हालत को लेकर खासे परेशानी में है। दोनों पुत्र आठवीं कक्षा में पढ़ते हैं, लेकिन घर की स्थिति खराब होने के बाद स्कूल में पढ़ाई तक प्रभावित हो रही है। घर का चूल्हा भी कभी कभार ही जल रहा है। दो वक्त की रोटी जुटाना अब काफी मुश्किल हो गया है। उसे मदद की दरकार है।
फोटो 16 एचएमपीपी 17 ---- प्यार चंद अपनी पत्नी और पुत्र के साथ अपनी हकीकत बयां करते हुए।