बड़सर (हमीरपुर)। बड़सर न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी की अदालत ने बल्याह पंचायत के पूर्व प्रधान को ढाई साल की कठोर कैद, तीन हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई। बिरसवीं गांव के नरेश कुमार ने पूर्व प्रधान पर पत्नी से अवैध संबंध बनाने तथा उसे धमकाने का आरोप लगाया था। शिकायतकर्ता नरेश कुमार 25 जुलाई 2009 को अपने रिश्तेदारों के घर जागरण सुनने के लिए पत्नी को साथ चलने को कहा। लेकिन पत्नी ने तबीयत खराब होेने की बात कहकर मना कर दिया। नरेश कुमार बच्चों को लेकर जागरण में चला गया। लेकिन थोड़ी देर बाद वापस लौट आया तथा देखा पत्नी फोन पर बात कर रही थी। शक होने पर अंधेरे में खड़ा हो गया। तभी एक व्यक्ति आया तथा सीधा कमरे में चला गया तथा उसकी पत्नी भी कमरे में चली गई। अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। तभी नरेश कुमार पड़ोसी को बुला लाया तथा आवाज देकर कमरा खुलवाया। तब तत्कालीन पंचायत प्रधान पलंग के नीचे लेटा हुआ देखा गया। तब प्रधान पलंग से नीचे बाहर निकला तथा गलती मानी। नरेश कुमार ने बड़सर थाना में इसकी शिकायत की। लेकिन प्रधान ने डरा धमकाकर 4 अगस्त, 2009 को आपसी समझौता करवा लिया। इस समझौते में प्रधान ने अपनी गलती स्वीकार की है।
नरेश कुमार ने प्राइवेट शिकायत न्यायिक दंडाधिकारी बड़सर से अदालत में की। अदालत ने सारी प्रक्रिया के उपरांत 16 मई 2012 को पूर्व प्रधान राकेश कुमार को दोषी करार देते हुए धारा 497 के तहत दो साल की कठोर कैद तथा दो हजार रुपए जुर्माना, 506 के तहत छह माह की कैद, एक हजार रुपए की सजा सुनाई। मामले में शिकायत कर्ता की ओर से पैरवी अधिवक्ता निक्का राम ने की। अधिवक्ता निक्का राम ने जानकारी प्रदान की।
बड़सर (हमीरपुर)। बड़सर न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी की अदालत ने बल्याह पंचायत के पूर्व प्रधान को ढाई साल की कठोर कैद, तीन हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई। बिरसवीं गांव के नरेश कुमार ने पूर्व प्रधान पर पत्नी से अवैध संबंध बनाने तथा उसे धमकाने का आरोप लगाया था। शिकायतकर्ता नरेश कुमार 25 जुलाई 2009 को अपने रिश्तेदारों के घर जागरण सुनने के लिए पत्नी को साथ चलने को कहा। लेकिन पत्नी ने तबीयत खराब होेने की बात कहकर मना कर दिया। नरेश कुमार बच्चों को लेकर जागरण में चला गया। लेकिन थोड़ी देर बाद वापस लौट आया तथा देखा पत्नी फोन पर बात कर रही थी। शक होने पर अंधेरे में खड़ा हो गया। तभी एक व्यक्ति आया तथा सीधा कमरे में चला गया तथा उसकी पत्नी भी कमरे में चली गई। अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। तभी नरेश कुमार पड़ोसी को बुला लाया तथा आवाज देकर कमरा खुलवाया। तब तत्कालीन पंचायत प्रधान पलंग के नीचे लेटा हुआ देखा गया। तब प्रधान पलंग से नीचे बाहर निकला तथा गलती मानी। नरेश कुमार ने बड़सर थाना में इसकी शिकायत की। लेकिन प्रधान ने डरा धमकाकर 4 अगस्त, 2009 को आपसी समझौता करवा लिया। इस समझौते में प्रधान ने अपनी गलती स्वीकार की है।
नरेश कुमार ने प्राइवेट शिकायत न्यायिक दंडाधिकारी बड़सर से अदालत में की। अदालत ने सारी प्रक्रिया के उपरांत 16 मई 2012 को पूर्व प्रधान राकेश कुमार को दोषी करार देते हुए धारा 497 के तहत दो साल की कठोर कैद तथा दो हजार रुपए जुर्माना, 506 के तहत छह माह की कैद, एक हजार रुपए की सजा सुनाई। मामले में शिकायत कर्ता की ओर से पैरवी अधिवक्ता निक्का राम ने की। अधिवक्ता निक्का राम ने जानकारी प्रदान की।