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हमीरपुर। जिला कारागार में पूर्ण कालिक चिकित्सक की तैनाती नहीं होने से बंदियों का इलाज नहीं हो रहा है। जिससे बीमार बंदियों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसी को लेकर जेल अधीक्षक ने सीएमओ को पत्र लिखकर चिकित्सक नियुक्त करने का अनुरोध किया है। नवंबर में डीआईजी जेल ने किए गए निरीक्षण में टीवी के मरीज बढ़ने का खुलासा किया । साथ ही इन्हें मास्क न उपलब्ध कराने पर लिखा है। निरीक्षण में डीआईजी ने जेल में श्रम करने वाले बंदियों को मई के बाद का पारिश्रमिक न देने की शिकायत की गई। जिस पर उन्होंने तत्काल भुगतान किए जाने को निर्देशित किया है।
4 नवंबर को डीआईजी जेल वीके जैन ने जिला कारागार का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद जिला प्रशासन को भेजी रिपोर्ट में कहा कि महिला बैरक में 23 महिला बंदी है। इनके साथ दो बच्चे भी निरुद्ध है। महिला बंदी दयावती व सीमा 10 फरवरी 2012 से निरुद्ध है। लेकिन इनके टिकट पर उम्र अंकित नही है। इसके साथ ही महिला बंदियों का पाक्षिक वजन भी नहीं लिया जा रहा है देशरानी के साथ निरुद्ध बच्चे को टीवी हो गई है। जिस पर उन्होंने समुचित इलाज कराने के निर्देश दिए। उन्होंने महिला बंदियाें की आयु का परीक्षण कराने व नारी निकेतन भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने बैरक संख्या 11 से 14 के निरीक्षण किया। जिसमें बंदी बरदानी ने बताया कि यहां तैनात चिकित्सक जो दवा लिखते है, वह नहीं मिलती है। बंदियों ने दाढ़ी बनाने की क्रीम न देने की शिकायत की। इस पर उन्होंने जेल प्रशासन को व्यवस्था करने के निर्देश दिए। बैरक नंबर 5 में टीवी के सात बंदी रखे गए है। जिनका इलाज डॉट के माध्यम से हो रहा है। बंदियो के पास मास्क न होने पर उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए। डीआईजी जेल ने श्रम करने वाले बंदियो से जानकारी ली। जिसमें बंदियों ने मई 2012 से पारिश्रमिक न मिलने की शिकायत की। जिस पर उन्होंने जिला प्रशासन को पारिश्रमिक देने को निर्देशित किया। अस्पताल वार्ड में 11 बंदी भर्ती है। जहां गद्दे, तकिया और बेड की कमी है। जेल अधीक्षक एचआर दोहरे ने मुख्य चिकित्सिाधिकारी को पत्र लिखकर कारागार में पूर्ण कालिक चिकित्सक लगाने का अनुरोध किया है। उन्हाेंने बताया कि 22 नवंबर को डा.राज को तैनात किया गया था जो अनुपस्थित चल रहे है। कुछ घंटो के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में डा.शिवशास्त्री अस्पताल में समय दे रहे हैं। बीमार बंदियाें की संख्या में वृद्धि हो रही है।
हमीरपुर। जिला कारागार में पूर्ण कालिक चिकित्सक की तैनाती नहीं होने से बंदियों का इलाज नहीं हो रहा है। जिससे बीमार बंदियों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसी को लेकर जेल अधीक्षक ने सीएमओ को पत्र लिखकर चिकित्सक नियुक्त करने का अनुरोध किया है। नवंबर में डीआईजी जेल ने किए गए निरीक्षण में टीवी के मरीज बढ़ने का खुलासा किया । साथ ही इन्हें मास्क न उपलब्ध कराने पर लिखा है। निरीक्षण में डीआईजी ने जेल में श्रम करने वाले बंदियों को मई के बाद का पारिश्रमिक न देने की शिकायत की गई। जिस पर उन्होंने तत्काल भुगतान किए जाने को निर्देशित किया है।
4 नवंबर को डीआईजी जेल वीके जैन ने जिला कारागार का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद जिला प्रशासन को भेजी रिपोर्ट में कहा कि महिला बैरक में 23 महिला बंदी है। इनके साथ दो बच्चे भी निरुद्ध है। महिला बंदी दयावती व सीमा 10 फरवरी 2012 से निरुद्ध है। लेकिन इनके टिकट पर उम्र अंकित नही है। इसके साथ ही महिला बंदियों का पाक्षिक वजन भी नहीं लिया जा रहा है देशरानी के साथ निरुद्ध बच्चे को टीवी हो गई है। जिस पर उन्होंने समुचित इलाज कराने के निर्देश दिए। उन्होंने महिला बंदियाें की आयु का परीक्षण कराने व नारी निकेतन भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने बैरक संख्या 11 से 14 के निरीक्षण किया। जिसमें बंदी बरदानी ने बताया कि यहां तैनात चिकित्सक जो दवा लिखते है, वह नहीं मिलती है। बंदियों ने दाढ़ी बनाने की क्रीम न देने की शिकायत की। इस पर उन्होंने जेल प्रशासन को व्यवस्था करने के निर्देश दिए। बैरक नंबर 5 में टीवी के सात बंदी रखे गए है। जिनका इलाज डॉट के माध्यम से हो रहा है। बंदियो के पास मास्क न होने पर उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए। डीआईजी जेल ने श्रम करने वाले बंदियो से जानकारी ली। जिसमें बंदियों ने मई 2012 से पारिश्रमिक न मिलने की शिकायत की। जिस पर उन्होंने जिला प्रशासन को पारिश्रमिक देने को निर्देशित किया। अस्पताल वार्ड में 11 बंदी भर्ती है। जहां गद्दे, तकिया और बेड की कमी है। जेल अधीक्षक एचआर दोहरे ने मुख्य चिकित्सिाधिकारी को पत्र लिखकर कारागार में पूर्ण कालिक चिकित्सक लगाने का अनुरोध किया है। उन्हाेंने बताया कि 22 नवंबर को डा.राज को तैनात किया गया था जो अनुपस्थित चल रहे है। कुछ घंटो के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में डा.शिवशास्त्री अस्पताल में समय दे रहे हैं। बीमार बंदियाें की संख्या में वृद्धि हो रही है।