पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
गोरखपुर। एक सहयोगी के साथ दामाद की हत्या कर शव को बोरे में भरकर पोखरी में फेंकने का जुर्म सिद्ध पाए जाने पर अपर सत्र न्यायाधीश जय प्रकाश ने दोनों को उम्रकैद व साठ-साठ हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया है। अभियुक्त ससुर रूदल शर्मा गुलरिहा थाना क्षेत्र के जैनपुर गांव का रहने वाला है और घटना के समय शाहपुर के भेड़ियागढ़ मुहल्ले में किराए के मकान में रहता था। दूसरा सहयोगी अभियुक्त जावेद उर्फ सोनू भी भेड़ियागढ़ मुहल्ले का रहने वाला है। कोर्ट ने अर्थदंड की धनराशि में से सत्तर हजार रुपया मृतक के पिता को देने का आदेश दिया है।
अभियोजन पक्ष की ओर से शासकीय अधिवक्ता शांति प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि भेड़ियागढ़ मुहल्ला निवासी वादी राजीव कुमार श्रीवास्तव को अपने मकान के समाने स्थित पोखरी में 8 नवंबर 2005 को एक बोरे में बंधी लाश तैरती दिखी। उन्होंने पुलिस को सूचना दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। शव के कपड़े, रक्षा सूत्र और अंगुठी से उसकी पहचान पिपराइच थाना क्षेत्र के सोवने गोनरहा के रहने वाले इंद्रजीत शर्मा के बेटे दुर्गेश के रूप में हुई। शव को जिस चादर में लपेटा गया था वह दुर्गेश के ससुराल की थी। दुर्गेश के पिता इंद्रजीत ने पुलिस को बताया कि उसका बेटा 4 नवंबर 2005 को गोरखपुर जाने की बात कहकर घर से निकला था। ससुराल से उसका विवाद था। अभियुक्त सोनू उर्फ जावेद उसके ससुराल में आता जाता था। पुलिस ने दोनों के खिलाफ पर्याप्त सबूत पाते हुए कोर्ट में आरोप पत्र भेजा। कोर्ट ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर दोनों को हत्या कर शव छिपाने का दोषी पाते हुए उक्त सजा से दंडित किया।
गोरखपुर। एक सहयोगी के साथ दामाद की हत्या कर शव को बोरे में भरकर पोखरी में फेंकने का जुर्म सिद्ध पाए जाने पर अपर सत्र न्यायाधीश जय प्रकाश ने दोनों को उम्रकैद व साठ-साठ हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया है। अभियुक्त ससुर रूदल शर्मा गुलरिहा थाना क्षेत्र के जैनपुर गांव का रहने वाला है और घटना के समय शाहपुर के भेड़ियागढ़ मुहल्ले में किराए के मकान में रहता था। दूसरा सहयोगी अभियुक्त जावेद उर्फ सोनू भी भेड़ियागढ़ मुहल्ले का रहने वाला है। कोर्ट ने अर्थदंड की धनराशि में से सत्तर हजार रुपया मृतक के पिता को देने का आदेश दिया है।
अभियोजन पक्ष की ओर से शासकीय अधिवक्ता शांति प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि भेड़ियागढ़ मुहल्ला निवासी वादी राजीव कुमार श्रीवास्तव को अपने मकान के समाने स्थित पोखरी में 8 नवंबर 2005 को एक बोरे में बंधी लाश तैरती दिखी। उन्होंने पुलिस को सूचना दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। शव के कपड़े, रक्षा सूत्र और अंगुठी से उसकी पहचान पिपराइच थाना क्षेत्र के सोवने गोनरहा के रहने वाले इंद्रजीत शर्मा के बेटे दुर्गेश के रूप में हुई। शव को जिस चादर में लपेटा गया था वह दुर्गेश के ससुराल की थी। दुर्गेश के पिता इंद्रजीत ने पुलिस को बताया कि उसका बेटा 4 नवंबर 2005 को गोरखपुर जाने की बात कहकर घर से निकला था। ससुराल से उसका विवाद था। अभियुक्त सोनू उर्फ जावेद उसके ससुराल में आता जाता था। पुलिस ने दोनों के खिलाफ पर्याप्त सबूत पाते हुए कोर्ट में आरोप पत्र भेजा। कोर्ट ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर दोनों को हत्या कर शव छिपाने का दोषी पाते हुए उक्त सजा से दंडित किया।