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गोरखपुर। कालेसर से जगदीशपुर तक 28 किलोमीटर लंबे एनएच-28 के शेष भाग की सूरत बदलने की कवायद तेज हो गई है। मुख्यमंत्री की घोषणाओं में शामिल होने के कारण इस सड़क के दिन बहुरने वाले हैं। ट्रैफिक का लोड देखते हुए इसे नए सिरे से डिजाइन किया जाएगा। इसके पुनर्निर्माण पर 34 करोड़ रुपये खर्च होंगे। त्वरित विकास योजना के तहत चयनित इस मार्ग का स्टीमेट डीएम के माध्यम से शासन को भेज दिया गया है।
यह सड़क पहले एनएच 28 का हिस्सा थी तब इसके मरम्मत पर विशेष ध्यान दिया जाता था। फोरलेन बना तो इसकी हालत बदतर हो गई। इस सड़क को देखरेख के लिए पीडब्लूडी निर्माण खंड के हवाले कर दिया गया। लखनऊ से गोरखपुर तक चमचमाती फोरलेन पर आरामदायक सफर करने के बाद वाहन जब शहर में प्रवेश करते हैं तो सड़क की बदहाली से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। फोरलेन के बगल की यह सड़क मखमल में टाट का पैबंद जैसी दिखती है। जनप्रतिनिधियों ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से की। जिले के दौरे पर आए मुख्यमंत्री ने इसे अपनी प्राथमिकताओं में शामिल कर लिया। इसका स्टीमेट बनाकर भेजने को कहा। अधिशासी अभियंता निर्माण खंड भवन ने 34.12 करोड़ का स्टीमेट बनाकर डीएम के माध्यम से शासन को भेज दिया है। धन अवमुक्त होते ही कार्य शुरू करा दिया जाएगा।
निर्माण खंड भवन के अधिशासी अभियंता वीके राय ने बताया कि एनएच के इस छूटे हुए भाग का निर्माण अब नए सिरे से कराया जाएगा। जब इस सड़क का निर्माण किया गया था तब इस पर ट्रैफिक का लोड कम था। अब कितना लोड है उस हिसाब से उसकी मोटाई तय की जाएगी। इसकी फाइल शासन में पहुंच गई है। लोक निर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव जब जिले के दौरे पर आए थे तो स्थानीय नेताओं ने उनके संज्ञान में इस सड़क का मामला लाया था। उन्होंने आश्वस्त किया है कि इसका धन शीघ्र ही अवमुक्त करा देंगे।
गोरखपुर। कालेसर से जगदीशपुर तक 28 किलोमीटर लंबे एनएच-28 के शेष भाग की सूरत बदलने की कवायद तेज हो गई है। मुख्यमंत्री की घोषणाओं में शामिल होने के कारण इस सड़क के दिन बहुरने वाले हैं। ट्रैफिक का लोड देखते हुए इसे नए सिरे से डिजाइन किया जाएगा। इसके पुनर्निर्माण पर 34 करोड़ रुपये खर्च होंगे। त्वरित विकास योजना के तहत चयनित इस मार्ग का स्टीमेट डीएम के माध्यम से शासन को भेज दिया गया है।
यह सड़क पहले एनएच 28 का हिस्सा थी तब इसके मरम्मत पर विशेष ध्यान दिया जाता था। फोरलेन बना तो इसकी हालत बदतर हो गई। इस सड़क को देखरेख के लिए पीडब्लूडी निर्माण खंड के हवाले कर दिया गया। लखनऊ से गोरखपुर तक चमचमाती फोरलेन पर आरामदायक सफर करने के बाद वाहन जब शहर में प्रवेश करते हैं तो सड़क की बदहाली से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। फोरलेन के बगल की यह सड़क मखमल में टाट का पैबंद जैसी दिखती है। जनप्रतिनिधियों ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से की। जिले के दौरे पर आए मुख्यमंत्री ने इसे अपनी प्राथमिकताओं में शामिल कर लिया। इसका स्टीमेट बनाकर भेजने को कहा। अधिशासी अभियंता निर्माण खंड भवन ने 34.12 करोड़ का स्टीमेट बनाकर डीएम के माध्यम से शासन को भेज दिया है। धन अवमुक्त होते ही कार्य शुरू करा दिया जाएगा।
निर्माण खंड भवन के अधिशासी अभियंता वीके राय ने बताया कि एनएच के इस छूटे हुए भाग का निर्माण अब नए सिरे से कराया जाएगा। जब इस सड़क का निर्माण किया गया था तब इस पर ट्रैफिक का लोड कम था। अब कितना लोड है उस हिसाब से उसकी मोटाई तय की जाएगी। इसकी फाइल शासन में पहुंच गई है। लोक निर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव जब जिले के दौरे पर आए थे तो स्थानीय नेताओं ने उनके संज्ञान में इस सड़क का मामला लाया था। उन्होंने आश्वस्त किया है कि इसका धन शीघ्र ही अवमुक्त करा देंगे।