गोरखपुर।
रेलवे स्टेशन पर टीटीई की समझदारी से एक महिला की जान बच गई। महिला को दिल का दौरा पड़ा था और वहां से गुजर रहे टीटीई ने फौरन अपनी दवा महिला को दी। टीटीई भी दिल के मरीज हैं और डॉक्टर की सलाह पर दवा साथ लेकर चलते हैं। थोड़ी ही देर में दवा ने असर दिखाया और महिला की तबियत ठीक हो गई।
महराजगंज की सुमन अपने रिश्तेदार के साथ गोरखपुर इलाज के लिए आई थी। रेलवे स्टेशन पर पूछताछ केंद्र के सामने फुट ओवर ब्रिज पर चढ़ते समय सुमन की तबियत बिगड़ने लगी। थोड़ी ही देर में वह लेट र्गइं। वहां मौजूद जीआरपी के जवानों ने इलाज का पर्चा देखा और इसके बाद कंट्रोल रूम को सूचना दी। इसी बीच उधर से गुजर रहे टीटीई अशोक श्रीवास्तव ने महिला की हालत और डॉक्टर की पर्ची देखकर जेब में रखी अपनी दवा खिला दी। दवा खाने के कुछ देर बाद महिला को आराम मिल गया। थोड़ी ही देर में रेलवे के डॉक्टर भी पहुंच गए। उन्होंने जांच पड़ताल में महिला को सही पाया। डॉक्टरों ने भी टीटीई की समझदारी की तारीफ की। डॉक्टरों ने अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी लेकिन महिला ने खुद की ठीक बताया और हुमायूंपुर रिश्तेदार के घर जाने की बात कही। करीब एक घंटे बाद महिला अपने रिश्तेदार के साथ चली गई।
अफसर ने दिखाई संवेदनशीलता, जख्मी साधु का कराया इलाज
गोरखपुर। रेलवे स्टेशन पर एक अधिकारी ने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए एक घायल यात्री का न सिर्फ इलाज कराया बल्कि उसे नाश्ता कराने के बाद घर तक भेजने का प्रबंध भी किया।
बुधवार की सुबह पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य यांत्रिक इंजीनियर एके सिंह स्टेशन गए थे। इसी बीच उनकी नजर एक साधु पर पड़ी। उसका पैर पूरी तरह जख्मी था। वह चल नहीं पा रहा था। एके सिंह ने साधु से चोट के बारे में पूछा तो उसकी आंखों से आंसू निकलने लगे। मुख्य यांत्रिक इंजीनियर ने यात्री को सहारा देकर उठाया। अपने एक सहयोगी के सहारे साधु को उठाकर गाड़ी में बैठाया। इसके बाद कार्यालय लेकर गए और रेलवे अस्पताल के चिकित्सकों को बुलाकर प्राथमिक उपचार कराया। साधु ने अपना नाम श्याम बिहारी तिवारी और जलालपुर का रहने वाला बताया। उसने बताया कि हरिद्वार जाना था, लेकिन पैर में जख्म होने के चलते वह स्टेशन परिसर में ही रात भर पड़ा रहा।