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बैठक में भिड़े गांधी आश्रम के कर्मचारी
Updated Tue, 18 Jul 2017 11:42 PM IST
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मगहर(संतकबीरनगर)। नगर पंचायत मगहर स्थित गांधी आश्रम में मंगलवार को गांधी आश्रम के डायरेक्टर हीरा लाल श्रीवास्तव की अध्यक्षता में सदस्यों और कर्मचारियों की बैठक हुई। इसमें कर्मचारी आपस में कई बार भिड़ गए। पुलिस के पहुंचने पर दोबारा बैठक प्रारंभ हुई, लेकिन समस्याओं का कोई समुचित समाधान न हो सका। डाइरेक्टर ने समस्याओं के समाधान के लिए बाहर से जांच कमेटी बैठाने की बात कह कर बैठक स्थगित कर दी।
दरअसल, आठ सूत्री मांगों को लेकर नौ जुलाई को सांकेतिक अनशन के बाद गांधी आश्रम के दो कर्मचारी 10 जुलाई से आमरण अनशन पर बैठ गए थे। 11 जुलाई की शाम को एडीएम ने आश्रम के मंत्री को बुलाकर समस्या के समाधान हेतु आमरण अनशन कर्मियों से वार्ता कराई। जिसमें तय हुआ कि 18 जुलाई को कमेटी की बैठक में सभी आठ मांगों पर चर्चा होगी। इसके अनशन खत्म हो गया था। इसी सिलसिले में मंगलवार को डाइरेक्टर हीरालाल की अध्यक्षता में बैठक हुई। पूर्व के कार्यों की पुष्टि के बाद यह निर्णय लिया गया कि सेवानिवृत्त की आयु सीमा 65 वर्ष से घटाकर 60 वर्ष की जाए। जिस पर कर्मचारियों ने आपत्ति जताई और कहा कि यदि कर्मचारी को सेवानिवृत्त किया जाता है तो ऐसे में उसका पूरा भुगतान करने के बाद ही संस्था से विदा किया जाए। इसके बाद कुछ जिम्मेदार लोगों ने पैसा न होने तथा वेतन भुगतान न होने का रोना रोया। इस बीच वर्तमान मंत्री और आमरण अनशन पर पूर्व में बैठे व्यक्तियों के बीच आरोप प्रत्यारोप शुरू हुआ जो धीरे-धीरे लोग हाथापाई पर उतर आए। मामला बढ़ता देख किसी ने पुलिस को सूचना दी और मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले को किसी तरह शांत कराया। आश्रम के पूर्व मंत्री वीरेंद्र पांडेय ने भी अपना पक्ष रखते हुये वर्तमान मंत्री पर संस्था को गर्त में ले जाने का आरोप मढ़ा। मंत्री देवेन्द्रनाथ पांडेय ने कहा कि उन पर लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं। डाइरेक्टर हीरा लाल ने बैठक स्थगित करते हुए कहा कि कर्मचारियों की जिन आठ मांगों को लेकर यह बैठक आहूत की गई थी। उसका निर्णय नहीं हो पा रहा है। इसके लिए वह बाहरी समिति बनाएंगे। जो गहनता से जांच कर रिपोर्ट देेगी। इस मौके पर मनीष उपाध्याय, ओम रकाश मिश्र, नर्वदेश्वर यादव, रामाशीष शर्मा, राममूरत, हरिश्चंद यादव, राधेश्याम मिश्र, जितेंद्र मिश्र, रमेश मिश्र, राजेंद्र, इंद्रेश यादव आदि मौजूद रहे।
मगहर(संतकबीरनगर)। नगर पंचायत मगहर स्थित गांधी आश्रम में मंगलवार को गांधी आश्रम के डायरेक्टर हीरा लाल श्रीवास्तव की अध्यक्षता में सदस्यों और कर्मचारियों की बैठक हुई। इसमें कर्मचारी आपस में कई बार भिड़ गए। पुलिस के पहुंचने पर दोबारा बैठक प्रारंभ हुई, लेकिन समस्याओं का कोई समुचित समाधान न हो सका। डाइरेक्टर ने समस्याओं के समाधान के लिए बाहर से जांच कमेटी बैठाने की बात कह कर बैठक स्थगित कर दी।
दरअसल, आठ सूत्री मांगों को लेकर नौ जुलाई को सांकेतिक अनशन के बाद गांधी आश्रम के दो कर्मचारी 10 जुलाई से आमरण अनशन पर बैठ गए थे। 11 जुलाई की शाम को एडीएम ने आश्रम के मंत्री को बुलाकर समस्या के समाधान हेतु आमरण अनशन कर्मियों से वार्ता कराई। जिसमें तय हुआ कि 18 जुलाई को कमेटी की बैठक में सभी आठ मांगों पर चर्चा होगी। इसके अनशन खत्म हो गया था। इसी सिलसिले में मंगलवार को डाइरेक्टर हीरालाल की अध्यक्षता में बैठक हुई। पूर्व के कार्यों की पुष्टि के बाद यह निर्णय लिया गया कि सेवानिवृत्त की आयु सीमा 65 वर्ष से घटाकर 60 वर्ष की जाए। जिस पर कर्मचारियों ने आपत्ति जताई और कहा कि यदि कर्मचारी को सेवानिवृत्त किया जाता है तो ऐसे में उसका पूरा भुगतान करने के बाद ही संस्था से विदा किया जाए। इसके बाद कुछ जिम्मेदार लोगों ने पैसा न होने तथा वेतन भुगतान न होने का रोना रोया। इस बीच वर्तमान मंत्री और आमरण अनशन पर पूर्व में बैठे व्यक्तियों के बीच आरोप प्रत्यारोप शुरू हुआ जो धीरे-धीरे लोग हाथापाई पर उतर आए। मामला बढ़ता देख किसी ने पुलिस को सूचना दी और मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले को किसी तरह शांत कराया। आश्रम के पूर्व मंत्री वीरेंद्र पांडेय ने भी अपना पक्ष रखते हुये वर्तमान मंत्री पर संस्था को गर्त में ले जाने का आरोप मढ़ा। मंत्री देवेन्द्रनाथ पांडेय ने कहा कि उन पर लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं। डाइरेक्टर हीरा लाल ने बैठक स्थगित करते हुए कहा कि कर्मचारियों की जिन आठ मांगों को लेकर यह बैठक आहूत की गई थी। उसका निर्णय नहीं हो पा रहा है। इसके लिए वह बाहरी समिति बनाएंगे। जो गहनता से जांच कर रिपोर्ट देेगी। इस मौके पर मनीष उपाध्याय, ओम रकाश मिश्र, नर्वदेश्वर यादव, रामाशीष शर्मा, राममूरत, हरिश्चंद यादव, राधेश्याम मिश्र, जितेंद्र मिश्र, रमेश मिश्र, राजेंद्र, इंद्रेश यादव आदि मौजूद रहे।