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सात गांव बने टापू, दहशत
Gonda
Published by:
Updated Fri, 12 Jul 2013 05:30 AM IST
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करनैलगंज/तरबगंज/गोंडा। घाघरा और सरयू का जलस्तर गुरुवार को खतरे के निशान से ऊपर रहा। इससे बाढ़ पीड़ित दहशत में हैं। उधर, करनैलगंज तहसील के काशीपुर गांव के पास पुराने एल्गिन-चरसड़ी तटबंध का 500 मीटर स्पर नदी में समाने से नए तटबंध को खतरा पैदा हो गया है। करनैलगंज तहसील के तीन घर कट गए हैं। वहीं, तरबगंज व करनैलगंज तहसील के सात गांवों की 5000 आबादी पानी से घिर गई है। प्रशासन ने इन गांवों में 17 नावें लगाईं हैं।
केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक गुरुवार को घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 67 सेमी. ऊपर रहा। वहीं, सरयू नदी का जलस्तर भी लाल निशान से 14 सेमी. अधिक था। करनैलगंज तहसील में काशीपुर गांव के पास पुराने एल्गिन-चरसड़ी तटबंध का 500 मीटर स्पर घाघरा नदी में समा जाने से नए एल्गिन-चरसड़ी तटबंध को खतरा उत्पन्न हो गया है। उधर, परसपुर के चंदापुर किटौली गांव के मजरे मुखियनपुरवा निवासी गोरखनाथ, दान बहादुर व बड़कऊ के घर भी पानी में समा गए हैं। करनैलगंज तहसील के चंदापुर किटौली व पसका, तरबगंज तहसील के माझाराठ, दुर्गागंज, ब्यौंदामाझा, परासपट्टी मझवार व ऐली परसौली गांव पानी से घिर गए हैं। इन गांवों की करीब पांच हजार आबादी की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। तरबगंज तहसील प्रशासन ने आवागमन के लिए माझाराठ में तीन, दुर्गागंज में तीन, ब्यौंदामाझा में तीन, परसपट्टी मझवार में तीन व ऐली परसौली में दो नावें लगाईं हैं। उधर, करनैलगंज तहसील के चंदापुर किटौली के मजरे मुखियनपुरवा में एक व पसकाघाट पर दो नावें लगाईं गईं हैं।
करनैलगंज/तरबगंज/गोंडा। घाघरा और सरयू का जलस्तर गुरुवार को खतरे के निशान से ऊपर रहा। इससे बाढ़ पीड़ित दहशत में हैं। उधर, करनैलगंज तहसील के काशीपुर गांव के पास पुराने एल्गिन-चरसड़ी तटबंध का 500 मीटर स्पर नदी में समाने से नए तटबंध को खतरा पैदा हो गया है। करनैलगंज तहसील के तीन घर कट गए हैं। वहीं, तरबगंज व करनैलगंज तहसील के सात गांवों की 5000 आबादी पानी से घिर गई है। प्रशासन ने इन गांवों में 17 नावें लगाईं हैं।
केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक गुरुवार को घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 67 सेमी. ऊपर रहा। वहीं, सरयू नदी का जलस्तर भी लाल निशान से 14 सेमी. अधिक था। करनैलगंज तहसील में काशीपुर गांव के पास पुराने एल्गिन-चरसड़ी तटबंध का 500 मीटर स्पर घाघरा नदी में समा जाने से नए एल्गिन-चरसड़ी तटबंध को खतरा उत्पन्न हो गया है। उधर, परसपुर के चंदापुर किटौली गांव के मजरे मुखियनपुरवा निवासी गोरखनाथ, दान बहादुर व बड़कऊ के घर भी पानी में समा गए हैं। करनैलगंज तहसील के चंदापुर किटौली व पसका, तरबगंज तहसील के माझाराठ, दुर्गागंज, ब्यौंदामाझा, परासपट्टी मझवार व ऐली परसौली गांव पानी से घिर गए हैं। इन गांवों की करीब पांच हजार आबादी की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। तरबगंज तहसील प्रशासन ने आवागमन के लिए माझाराठ में तीन, दुर्गागंज में तीन, ब्यौंदामाझा में तीन, परसपट्टी मझवार में तीन व ऐली परसौली में दो नावें लगाईं हैं। उधर, करनैलगंज तहसील के चंदापुर किटौली के मजरे मुखियनपुरवा में एक व पसकाघाट पर दो नावें लगाईं गईं हैं।