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गोंडा। धान खरीद में धीमी रफ्तार पर अपर जिलाधिकारी/जिला खरीद अधिकारी ने सभी तहसील के उप जिलाधिकारियों को नोटिस जारी कर खरीद का लक्ष्य पूरा कराने के लिए कड़ा निर्देश जारी किया है। धीमी गति से हो रही धान खरीद से नाराज एडीएम सीपीएन उपाध्याय ने अधिकारियों को चेताया है कि इसमें लापरवाही करने वाले पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जिले में कुल धान खरीद लक्ष्य 52 हजार 200 मीट्रिक टन के सापेक्ष 27 जनवरी तक 22 हजार 968 मीट्रिक टन धान खरीद हो सकी है, जो लक्ष्य का 44 फीसदी है। संस्थावार धान क्रय एजेंसियों को दी गई समय सीमा एक अक्तूबर से 28 फरवरी के मुताबिक जनवरी के अंत तक करीब 40 हजार मीट्रिक टन धान की खरीद हो जानी चाहिए। धान खरीद की जिम्मेदारी जिले के खाद्य विभाग, पीसीएफ, यूपी एग्रो, यूपीएसएस, एसएफसी, कर्मचारी कल्याण निगम व भारतीय खाद्य निगम को दी गई थी। कभी कर्मचारियों की लापरवाही तो कभी एफसीआई के डैमेज चावल न लेने और वैल्यू कटौती को लेकर धान खरीद प्रभावित रही। खरीद एजेंसियों के सामने अब सिर्फ एक माह और बचा है। एक माह में अब धान खरीद कैसे पूरी होगा, यह बड़ा सवाल है। जिला खरीद अधिकारी/एडीएम ने धान खरीद के निराशाजनक होने के मामले को गंभीरता से लिया है। उन्हाेंने चारों तहसील के एसडीएम से कहा है कि धान खरीद लक्ष्य पूरा कराने के लिए क्रय केंद्रों की जांच करें व लापरवाह कर्मचारियों पर कार्रवाई करें।
इनसेट
धान खरीद के बाबत सभी एसडीएम से जानकारी मांगी गई है। उन्हें क्रय केंद्रों को देखने और धान खरीद का लक्ष्य पूरा कराने की कड़ी हिदायत दी गई है। धान खरीद मेें लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई होगी।
-सीपीएन उपाध्याय, एडीएम।
गोंडा। धान खरीद में धीमी रफ्तार पर अपर जिलाधिकारी/जिला खरीद अधिकारी ने सभी तहसील के उप जिलाधिकारियों को नोटिस जारी कर खरीद का लक्ष्य पूरा कराने के लिए कड़ा निर्देश जारी किया है। धीमी गति से हो रही धान खरीद से नाराज एडीएम सीपीएन उपाध्याय ने अधिकारियों को चेताया है कि इसमें लापरवाही करने वाले पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जिले में कुल धान खरीद लक्ष्य 52 हजार 200 मीट्रिक टन के सापेक्ष 27 जनवरी तक 22 हजार 968 मीट्रिक टन धान खरीद हो सकी है, जो लक्ष्य का 44 फीसदी है। संस्थावार धान क्रय एजेंसियों को दी गई समय सीमा एक अक्तूबर से 28 फरवरी के मुताबिक जनवरी के अंत तक करीब 40 हजार मीट्रिक टन धान की खरीद हो जानी चाहिए। धान खरीद की जिम्मेदारी जिले के खाद्य विभाग, पीसीएफ, यूपी एग्रो, यूपीएसएस, एसएफसी, कर्मचारी कल्याण निगम व भारतीय खाद्य निगम को दी गई थी। कभी कर्मचारियों की लापरवाही तो कभी एफसीआई के डैमेज चावल न लेने और वैल्यू कटौती को लेकर धान खरीद प्रभावित रही। खरीद एजेंसियों के सामने अब सिर्फ एक माह और बचा है। एक माह में अब धान खरीद कैसे पूरी होगा, यह बड़ा सवाल है। जिला खरीद अधिकारी/एडीएम ने धान खरीद के निराशाजनक होने के मामले को गंभीरता से लिया है। उन्हाेंने चारों तहसील के एसडीएम से कहा है कि धान खरीद लक्ष्य पूरा कराने के लिए क्रय केंद्रों की जांच करें व लापरवाह कर्मचारियों पर कार्रवाई करें।
इनसेट
धान खरीद के बाबत सभी एसडीएम से जानकारी मांगी गई है। उन्हें क्रय केंद्रों को देखने और धान खरीद का लक्ष्य पूरा कराने की कड़ी हिदायत दी गई है। धान खरीद मेें लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई होगी।
-सीपीएन उपाध्याय, एडीएम।