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गोंडा। राज्य वित्त व बारहवां वित्त आयोग से विकास कार्यों के तहत मिलने वाले धन के व्यय का ब्यौरा ऑनलाइन न करने पर चार ब्लॉकों की 28 ग्राम पंचायतों का ग्राम निधि खाता सीज कर दिया गया है। इन ग्राम पंचायतों ने वित्तीय वर्ष 2010-11 में मिले धन के व्यय का ब्यौरा ऑनलाइन नहीं किया है। वहीं, वित्तीय वर्ष 2011-12 में प्राप्त धन के सापेक्ष व्यय का ब्यौरा ऑनलाइन न करने वाली 650 ग्राम पंचायतों के खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी गई है। इन ग्राम पंचायतों को एक सप्ताह की मोहलत दी गई है। बता दें कि नियम के अनुसार वित्तीय वर्ष के समाप्त होने के एक महीने के अंदर व्यय का ब्यौरा ऑनलाइन कर देना चाहिए।
कई बार कहने के बावजूद भी विकास कार्यों के लिए मिलने वाले धन के व्यय का ब्यौरा ऑनलाइन न करने वाली ग्राम पंचायतों के खिलाफ पंचायतीराज विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। जिले की 1,054 ग्राम पंचायतों में से चार ब्लॉकों की 28 ग्राम पंचायतों ने वर्ष 2010-11 व 2011-12 और 650 ग्राम पंचायतों ने 2011-12 में राज्य वित्त व बारहवां वित्त आयोग से मिले धन के सापेक्ष व्यय का ब्यौरा अभी तक ऑनलाइन नहीं किया है। जबकि पंचायतीराज विभाग द्वारा कई बार व्यय का विवरण ऑनलाइन किए जाने के निर्देश दिए जा चुके हैं। जिला पंचायतराज अधिकारी महेंद्र सिंह ने शुक्रवार को बताया कि कई बार निर्देश देने के बावजूद व्यय का ब्यौरा प्रिया साफ्ट अकाउन्टिंग साफ्टवेयर पर न फीड कराने वाली ग्राम पंचायतों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। उन्होंने ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2010-11 का ब्यौरा न फीड कराने वाले छपिया ब्लॉक की 21, हलधरमऊ की 3, इटियाथोक की 1 व परसपुर की 3 समेत 28 ग्राम पंचायतों के ग्राम निधि खाते सीज कर दिए गए हैं।
साथ ही वित्तीय वर्ष 2011-12 में मिले धन के व्यय का ब्यौरा न फीड करने वाली 650 ग्राम पंचायतों के खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी गई है। जिला पंचायतराज अधिकारी ने कहा कि यदि एक सप्ताह में राज्य वित्त व बारहवें वित्त आयोग से मिले धन के व्यय का ब्यौरा फीड न कराया गया तो इन ग्राम पंचायतों के खिलाफ पंचायती राज अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
गोंडा। राज्य वित्त व बारहवां वित्त आयोग से विकास कार्यों के तहत मिलने वाले धन के व्यय का ब्यौरा ऑनलाइन न करने पर चार ब्लॉकों की 28 ग्राम पंचायतों का ग्राम निधि खाता सीज कर दिया गया है। इन ग्राम पंचायतों ने वित्तीय वर्ष 2010-11 में मिले धन के व्यय का ब्यौरा ऑनलाइन नहीं किया है। वहीं, वित्तीय वर्ष 2011-12 में प्राप्त धन के सापेक्ष व्यय का ब्यौरा ऑनलाइन न करने वाली 650 ग्राम पंचायतों के खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी गई है। इन ग्राम पंचायतों को एक सप्ताह की मोहलत दी गई है। बता दें कि नियम के अनुसार वित्तीय वर्ष के समाप्त होने के एक महीने के अंदर व्यय का ब्यौरा ऑनलाइन कर देना चाहिए।
कई बार कहने के बावजूद भी विकास कार्यों के लिए मिलने वाले धन के व्यय का ब्यौरा ऑनलाइन न करने वाली ग्राम पंचायतों के खिलाफ पंचायतीराज विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। जिले की 1,054 ग्राम पंचायतों में से चार ब्लॉकों की 28 ग्राम पंचायतों ने वर्ष 2010-11 व 2011-12 और 650 ग्राम पंचायतों ने 2011-12 में राज्य वित्त व बारहवां वित्त आयोग से मिले धन के सापेक्ष व्यय का ब्यौरा अभी तक ऑनलाइन नहीं किया है। जबकि पंचायतीराज विभाग द्वारा कई बार व्यय का विवरण ऑनलाइन किए जाने के निर्देश दिए जा चुके हैं। जिला पंचायतराज अधिकारी महेंद्र सिंह ने शुक्रवार को बताया कि कई बार निर्देश देने के बावजूद व्यय का ब्यौरा प्रिया साफ्ट अकाउन्टिंग साफ्टवेयर पर न फीड कराने वाली ग्राम पंचायतों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। उन्होंने ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2010-11 का ब्यौरा न फीड कराने वाले छपिया ब्लॉक की 21, हलधरमऊ की 3, इटियाथोक की 1 व परसपुर की 3 समेत 28 ग्राम पंचायतों के ग्राम निधि खाते सीज कर दिए गए हैं।
साथ ही वित्तीय वर्ष 2011-12 में मिले धन के व्यय का ब्यौरा न फीड करने वाली 650 ग्राम पंचायतों के खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी गई है। जिला पंचायतराज अधिकारी ने कहा कि यदि एक सप्ताह में राज्य वित्त व बारहवें वित्त आयोग से मिले धन के व्यय का ब्यौरा फीड न कराया गया तो इन ग्राम पंचायतों के खिलाफ पंचायती राज अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।