गोंडा। जिले के ऐसे गांव जहां अभी तक बिजली नहीं पहुंची है, वहां सौर ऊर्जा से उजाला लाया जाएगा। उत्तर प्रदेश में पाइलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू इंडो -जर्मन ऊर्जा कार्यक्रम अंतर्गत ऐसे 12 गांवों का चयन किया जाएगा। वहां माइक्रो ग्रिड की स्थापना होगी। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (नेडा) विभाग के अधिकारियों ने गांवों के चयन के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके तहत आने वाला खर्च नेडा विभाग व केंद्र सरकार उठाएगी।
परियोजना अधिकारी (नेडा) अजय कुमार ने बताया कि जिले के ऐसे गांव जहां बिजली की व्यवस्था नहीं है, वहां सौर ऊर्जा से उजाला फैलाया जाएगा। इसके लिए इंडो -जर्मन ऊर्जा कार्यक्रम अंतर्गत माइक्रो ग्रिड की स्थापना की जाएगी। यह योजना उत्तर प्रदेश में पाइलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की जाएगी। उन्होंने बताया कि एक माइक्रो ग्रिड की स्थापना में सात लाख रुपये खर्च होंगे। पहले चरण में 12 गांवों का चयन होगा। फिलहाल, गांवों के चयन की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। परियोजना अधिकारी के मुताबिक माइक्रो ग्रिड की स्थापना के बाद गांव के हर परिवार को दो लाइटें व एक मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट का कनेक्शन दिया जाएगा। परियोजना का संचालन व देखरेख ग्राम पंचायत करेगी। जिसके लिए एक कमेटी बनाई जाएगी। कमेटी अध्यक्ष के रुप में ग्राम प्रधान व सदस्य के रूप में कनेक्शनधारक होंगे। इसके तहत आने वाला खर्च नेडा विभाग व केंद्र सरकार उठाएगी।
गोंडा। जिले के ऐसे गांव जहां अभी तक बिजली नहीं पहुंची है, वहां सौर ऊर्जा से उजाला लाया जाएगा। उत्तर प्रदेश में पाइलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू इंडो -जर्मन ऊर्जा कार्यक्रम अंतर्गत ऐसे 12 गांवों का चयन किया जाएगा। वहां माइक्रो ग्रिड की स्थापना होगी। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (नेडा) विभाग के अधिकारियों ने गांवों के चयन के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके तहत आने वाला खर्च नेडा विभाग व केंद्र सरकार उठाएगी।
परियोजना अधिकारी (नेडा) अजय कुमार ने बताया कि जिले के ऐसे गांव जहां बिजली की व्यवस्था नहीं है, वहां सौर ऊर्जा से उजाला फैलाया जाएगा। इसके लिए इंडो -जर्मन ऊर्जा कार्यक्रम अंतर्गत माइक्रो ग्रिड की स्थापना की जाएगी। यह योजना उत्तर प्रदेश में पाइलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की जाएगी। उन्होंने बताया कि एक माइक्रो ग्रिड की स्थापना में सात लाख रुपये खर्च होंगे। पहले चरण में 12 गांवों का चयन होगा। फिलहाल, गांवों के चयन की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। परियोजना अधिकारी के मुताबिक माइक्रो ग्रिड की स्थापना के बाद गांव के हर परिवार को दो लाइटें व एक मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट का कनेक्शन दिया जाएगा। परियोजना का संचालन व देखरेख ग्राम पंचायत करेगी। जिसके लिए एक कमेटी बनाई जाएगी। कमेटी अध्यक्ष के रुप में ग्राम प्रधान व सदस्य के रूप में कनेक्शनधारक होंगे। इसके तहत आने वाला खर्च नेडा विभाग व केंद्र सरकार उठाएगी।