गोंडा। मानदेय की मंशा से मांगे गये वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मियों की सूची में भी खेल हुआ है। प्रबंधक कोई सूची भेज रहे हैं, जबकि प्रधानाचार्य कोई सूची प्रस्तुत कर रहे हैं। जिससे उत्पन्न स्थिति को देखते हुए दो विद्यालयों द्वारा प्रस्तुत की गयी शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मियों की सूची की जांच के आदेश दिये गये हैं।
जिले के सभी वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मियों की सूची मांगी गयी थी। शिक्षक नेताओं का कहना था कि सरकार वित्त विहीन शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मियों को भी मानदेय प्रदान करेगी, इसके लिए ही यह सूची मांगी गयी है। इसके बाद सभी वित्तविहीन विद्यालयों ने डीआईओएस कार्यालय में सूची दाखिल की, जिसमें करीब 9000 शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मियों की सूची तैयार करके माध्यमिक शिक्षा निदेशक को भेजी गयी है।
इसी बीच अयोध्या प्रसाद बच्चू लाल उमावि बनगांव तरबगंज से शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मियों की दो सूची एवं सीडी जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में रिसीव करायी गयी, जिसमें एक प्रधानाचार्य ने दी थी, तो दूसरी प्रबंधक ने जारी की। जब इन दोनों सीडी की जांच की गयी तो दोनों में कर्मियों की पड़ताल में काफी भिन्नता मिली। डीआईओएस शेफाली प्रताप ने बताया कि संबंधित विद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मियों की दो सूची मिलने पर आयी भिन्नता को देखते हुए प्रकरण की जांच के आदेश दिये गये हैं। इसके साथ ही भैया चंद्रभान दत्त स्मारक इंटर कॉलेज रामपुर टेंगरहा में प्रबंधकीय विवाद के कारण यहां से आयी शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मियों की सूची भी जांच के आदेश दिये गये हैं। डीआईओएस ने बताया कि नियमानुसार जांच करायी जा रही है, जिस पर रिपोर्ट आने के बाद कार्यवाही की जायेगी।