उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले की रहने वाली सुनीता (परिवर्तित नाम) को पड़ोस के युवक से प्रेम हो गया। वह उसके संग गांव से फरार हो गई और दोनों ने कोर्ट मैरिज कर लिया। साल भर बाद सुसराल लौटने पर उसके परिजनों ने सुनीता को पकड़ लिया और घर लाकर जंजीरों में खंभे से बांध दिया। सूचना पर पुलिस ने मंगलवार को उसे मुक्त कराया। साथ ही दोनों पक्षों के लोगों को हिरासत में ले लिया।
सुनीता (20) श्री गांधी स्मारक पीजी कालेज समोधपुर की छात्रा थी। उसके पड़ोसी शीतला प्रसाद विश्वकर्मा (35) से संबंध हो गए। 16 जनवरी को दोनों घर से लापता हो गए। काफी खोजबीन की गई लेकिन पता नहीं चला। परिजनों ने थाने में गुमशुदगी का केस दर्ज करा दिया। इस बीच सुनीता और शीतला प्रसाद पंजाब के पटियाला शहर पहुंच गए।
दोनों ने 28 फरवरी को कोर्ट मैरेज कर ली। तब से दोनों अपने गांव नहीं लौटे थे। शीतला प्रसाद मां के देहांत की खबर पाकर सुनीता संग 20 दिसंबर को अपने गांव पहुंच गया। इसकी जानकारी लड़की के चाचा रंगेश सिंह को हुई तो वह सहयोगियों के साथ जाकर सुनीता को घर ले आया।
पड़ोसियों के भय से शीतला प्रसाद अपनी मां का क्रिया कर्म छोड़कर फरार हो गया। सुनीता ने जब शीतला प्रसाद के घर जाने की जिद की तो उसके घरवालों ने उसे जंजीर से बांध दिया। सूचना मिलने पर पांचवें दिन थानेदार अतुल कुमार पांडेय मौके पर पहुंचे और सुनीता को मुक्त कराया।
पुलिस ने लड़की के चाचा रंगेश सिंह, शीतला प्रसाद के भाई रामफेर, उसकी भाभी को हिरासत में ले लिया है। शीतला प्रसाद ने पुलिस को बताया कि दोनों ने कोर्ट मैरेज की है। सुनीता के परिवार वाले उन दोनों को प्रताड़ित कर रहे हैं।
लड़की के चाचा रंगेश सिंह ने बताया कि शीतला प्रसाद पहले ही दो शादियां कर चुका है। पहली पत्नी मीरा देवी से 14 वर्ष का बेटा है। दूसरी पत्नी स्व. तारामती से 12 वर्ष की बेटी मुस्कान और 9 वर्ष का बेटा संदीप है। सुनीता के माता-पिता पटियाला में ही रहते हैं लेकिन उन्हें लड़की के पटियाला में होने की खबर नहीं थी। सूचना मिलने पर दोनों पटियाला से घर लौट रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले की रहने वाली सुनीता (परिवर्तित नाम) को पड़ोस के युवक से प्रेम हो गया। वह उसके संग गांव से फरार हो गई और दोनों ने कोर्ट मैरिज कर लिया। साल भर बाद सुसराल लौटने पर उसके परिजनों ने सुनीता को पकड़ लिया और घर लाकर जंजीरों में खंभे से बांध दिया। सूचना पर पुलिस ने मंगलवार को उसे मुक्त कराया। साथ ही दोनों पक्षों के लोगों को हिरासत में ले लिया।
सुनीता (20) श्री गांधी स्मारक पीजी कालेज समोधपुर की छात्रा थी। उसके पड़ोसी शीतला प्रसाद विश्वकर्मा (35) से संबंध हो गए। 16 जनवरी को दोनों घर से लापता हो गए। काफी खोजबीन की गई लेकिन पता नहीं चला। परिजनों ने थाने में गुमशुदगी का केस दर्ज करा दिया। इस बीच सुनीता और शीतला प्रसाद पंजाब के पटियाला शहर पहुंच गए।
दोनों ने 28 फरवरी को कोर्ट मैरेज कर ली। तब से दोनों अपने गांव नहीं लौटे थे। शीतला प्रसाद मां के देहांत की खबर पाकर सुनीता संग 20 दिसंबर को अपने गांव पहुंच गया। इसकी जानकारी लड़की के चाचा रंगेश सिंह को हुई तो वह सहयोगियों के साथ जाकर सुनीता को घर ले आया।
पड़ोसियों के भय से शीतला प्रसाद अपनी मां का क्रिया कर्म छोड़कर फरार हो गया। सुनीता ने जब शीतला प्रसाद के घर जाने की जिद की तो उसके घरवालों ने उसे जंजीर से बांध दिया। सूचना मिलने पर पांचवें दिन थानेदार अतुल कुमार पांडेय मौके पर पहुंचे और सुनीता को मुक्त कराया।
पुलिस ने लड़की के चाचा रंगेश सिंह, शीतला प्रसाद के भाई रामफेर, उसकी भाभी को हिरासत में ले लिया है। शीतला प्रसाद ने पुलिस को बताया कि दोनों ने कोर्ट मैरेज की है। सुनीता के परिवार वाले उन दोनों को प्रताड़ित कर रहे हैं।
लड़की के चाचा रंगेश सिंह ने बताया कि शीतला प्रसाद पहले ही दो शादियां कर चुका है। पहली पत्नी मीरा देवी से 14 वर्ष का बेटा है। दूसरी पत्नी स्व. तारामती से 12 वर्ष की बेटी मुस्कान और 9 वर्ष का बेटा संदीप है। सुनीता के माता-पिता पटियाला में ही रहते हैं लेकिन उन्हें लड़की के पटियाला में होने की खबर नहीं थी। सूचना मिलने पर दोनों पटियाला से घर लौट रहे हैं।