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गाजीपुर। आखिरकार शासन के निर्देश का पालन करते हुए जिले के 15 विद्यालयों 50-50 हजार रुपये जुर्माना अदा करके पंजीकरण फार्म प्राप्त कर लिया। शेष विद्यालय भी बुधवार को पंजीकरण फार्म जुर्माना जमा कर लेंगे। उधर वित्त विहीन शिक्षक संघ ने आगे की रणनीति तय करने की बात कही है।
पिछले वर्ष जिले के 712 माध्यमिक विद्यालयों का पंजीकरण फार्म जमा नहीं हो पाया था। तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से सिर्फ 149 विद्यालयों के 36 हजार छात्रों के पंजीकरण फार्म बोर्ड को भेजे गए थे। इन्हीं छात्रों को इस वर्ष होने वाली बोर्ड परीक्षा में बैठने का मौका मिलेगा। शेष 712 विद्यालयों को माध्यमिक शिक्षा परिषद ने बोर्ड परीक्षा से वंचित करने का निर्देश दिया था। इन विद्यालयों को जब बोर्ड का फार्म नहीं मिला तो इसकी शिकायत शासन से की गई। शासन में भी सुनवाई नहीं होने पर वित्त विहीन शिक्षक संघ की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई। पहले हाईकोर्ट ने पंजीकरण फार्म वितरित कर वंचित छात्रों की बोर्ड परीक्षा कराने का निर्देश दिया था। साथ ही हाईकोर्ट ने इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी बात कही थी। इसके बाद शासन ने पंजीकरण फार्म से वंचित विद्यालयों के ऊपर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना ठोका था। इसपर वित्त विहीन शिक्षक संघ दोबारा कोर्ट की शरण मेें गया आैर कहा िक इसमें विद्यालयों का कोई दोष नहीं है। लिहाजा जुर्माने के आदेश को खारिज किया जाए। अभी शासनस्तर पर गाजीपुर केे मामले में मंथन चल रहा है। इस बीच मंगलवार को राजकीय सिटी इंटर कालेज में जिले के 15 विद्यालयों ने जिला विद्यालय निरीक्षक रामकरन यादव को आवेदन पत्र सौंप कर पंजीकरण फार्म की डिमांड की। संबंधित विद्यालयों नेे जुर्माने की रकम भी अदा की। इसकी पुष्टि करते हुए डीआईओएस ने बताया कि जुर्माना मिलने के बाद अभी सिर्फ 15 विद्यालयों को ही पंजीकरण फार्म वितरित किया गया है। जुर्माना अदा करने पर अन्य विद्यालयों को भी पंजीकरण फार्म उपलब्ध कराया जाएगा। उधर जिला विद्यालय निरीक्षक के इस फैसले पर वित्तविहीन शिक्षक संघ के नेता जियारत हुसैन ने नाराजगी जाहिर की है। कहा है कि जुर्माना वसूलकर फार्म दिया जाना सरासर गलत है। शासनस्तर पर पंजीकरण फार्म वितरित किए जाने के संबंध में विचार विमर्श चल रहा है। उन्होंने बताया कि वित्त विहीन विद्यालयों के संचालकों की आवश्यक बैठक बुलाई गई है जिसमें रणनीति तैयार की जाएगी। इस संबंध में पूछे जाने पर माध्यमिक शिक्षा परिषद की क्षेत्रीय सचिव अर्चना सिंह का कहना था कि शासनस्तर पर डीआईओएस की बात हुई होगी। इस बारे में मुझे कोई अन्य जानकारी नहीं है।
गाजीपुर। आखिरकार शासन के निर्देश का पालन करते हुए जिले के 15 विद्यालयों 50-50 हजार रुपये जुर्माना अदा करके पंजीकरण फार्म प्राप्त कर लिया। शेष विद्यालय भी बुधवार को पंजीकरण फार्म जुर्माना जमा कर लेंगे। उधर वित्त विहीन शिक्षक संघ ने आगे की रणनीति तय करने की बात कही है।
पिछले वर्ष जिले के 712 माध्यमिक विद्यालयों का पंजीकरण फार्म जमा नहीं हो पाया था। तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से सिर्फ 149 विद्यालयों के 36 हजार छात्रों के पंजीकरण फार्म बोर्ड को भेजे गए थे। इन्हीं छात्रों को इस वर्ष होने वाली बोर्ड परीक्षा में बैठने का मौका मिलेगा। शेष 712 विद्यालयों को माध्यमिक शिक्षा परिषद ने बोर्ड परीक्षा से वंचित करने का निर्देश दिया था। इन विद्यालयों को जब बोर्ड का फार्म नहीं मिला तो इसकी शिकायत शासन से की गई। शासन में भी सुनवाई नहीं होने पर वित्त विहीन शिक्षक संघ की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई। पहले हाईकोर्ट ने पंजीकरण फार्म वितरित कर वंचित छात्रों की बोर्ड परीक्षा कराने का निर्देश दिया था। साथ ही हाईकोर्ट ने इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी बात कही थी। इसके बाद शासन ने पंजीकरण फार्म से वंचित विद्यालयों के ऊपर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना ठोका था। इसपर वित्त विहीन शिक्षक संघ दोबारा कोर्ट की शरण मेें गया आैर कहा िक इसमें विद्यालयों का कोई दोष नहीं है। लिहाजा जुर्माने के आदेश को खारिज किया जाए। अभी शासनस्तर पर गाजीपुर केे मामले में मंथन चल रहा है। इस बीच मंगलवार को राजकीय सिटी इंटर कालेज में जिले के 15 विद्यालयों ने जिला विद्यालय निरीक्षक रामकरन यादव को आवेदन पत्र सौंप कर पंजीकरण फार्म की डिमांड की। संबंधित विद्यालयों नेे जुर्माने की रकम भी अदा की। इसकी पुष्टि करते हुए डीआईओएस ने बताया कि जुर्माना मिलने के बाद अभी सिर्फ 15 विद्यालयों को ही पंजीकरण फार्म वितरित किया गया है। जुर्माना अदा करने पर अन्य विद्यालयों को भी पंजीकरण फार्म उपलब्ध कराया जाएगा। उधर जिला विद्यालय निरीक्षक के इस फैसले पर वित्तविहीन शिक्षक संघ के नेता जियारत हुसैन ने नाराजगी जाहिर की है। कहा है कि जुर्माना वसूलकर फार्म दिया जाना सरासर गलत है। शासनस्तर पर पंजीकरण फार्म वितरित किए जाने के संबंध में विचार विमर्श चल रहा है। उन्होंने बताया कि वित्त विहीन विद्यालयों के संचालकों की आवश्यक बैठक बुलाई गई है जिसमें रणनीति तैयार की जाएगी। इस संबंध में पूछे जाने पर माध्यमिक शिक्षा परिषद की क्षेत्रीय सचिव अर्चना सिंह का कहना था कि शासनस्तर पर डीआईओएस की बात हुई होगी। इस बारे में मुझे कोई अन्य जानकारी नहीं है।