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गाजीपुर। बिजली की मनमानी किसी से छिपी नहीं है। यह हमेशा कभी रोस्टरिंट तो फाल्ट के नाम पर लोगों को रुलाती रही है, लेकिन कुछ खास मौकों पर इसका इसका दगा देने लोगों को काफी खलता है। कुछ ऐसे ही हुआ गणतंत्र दिवस पर। इस दिन भी बिजली रानी ने अपना खेल दिखा ही दिया। रोज की तरह सुबह और शाम को रोस्टरिंग की गई। शाम को रोस्टरिंग के दौरान आजादी के जश्न में चार-चांद बिखरने के लिए लगी रंग-बिरंगी झालरें अपनी छटा नहीं बिखेर सकी। वहीं अंधेरे के कारण लोगों के उत्साह में भी खलल पड़ा।
19 जनवरी की रात 9 बजे ट्राली फटने से सत्रह घंटे लालदरवाजा फीडर की बत्ती गुल रही। वहीं 25 जनवरी को तैंतीस हजार लाइन में खराबी आने से प्रकाशनगर और पीरनगर उपकेंद्र से होने वाली सभी फीडरों की आपूर्ति ठप रही है। वैसे तो रोज लोगों को बिजली रानी का नखरा झेलना पड़ता है, लेकिन लोगों के मन में यह बात थी शायद गणतंत्र दिवस के दिन बिजली आजादी के जश्न में चार-चांद लगाएगी, लेकिन इस दिन भी बिजली का नखरा जारी रहा। रोज की तरह इस दिन भी सुबह और शाम को रोस्टरिंग की गई। दिन की कटौती तो लोगों को कुछ कमी खली, लेकिन शाम को रोस्टरिंग से आजादी के जश्न में खलल पड़ा। सरकारी भवनों पर छंटा बिखेरने के लिए लगी रंग-बिरंगी झालरें बिजली के अभाव में अभाव में घंटों शो-पीस बनी रही।
गाजीपुर। बिजली की मनमानी किसी से छिपी नहीं है। यह हमेशा कभी रोस्टरिंट तो फाल्ट के नाम पर लोगों को रुलाती रही है, लेकिन कुछ खास मौकों पर इसका इसका दगा देने लोगों को काफी खलता है। कुछ ऐसे ही हुआ गणतंत्र दिवस पर। इस दिन भी बिजली रानी ने अपना खेल दिखा ही दिया। रोज की तरह सुबह और शाम को रोस्टरिंग की गई। शाम को रोस्टरिंग के दौरान आजादी के जश्न में चार-चांद बिखरने के लिए लगी रंग-बिरंगी झालरें अपनी छटा नहीं बिखेर सकी। वहीं अंधेरे के कारण लोगों के उत्साह में भी खलल पड़ा।
19 जनवरी की रात 9 बजे ट्राली फटने से सत्रह घंटे लालदरवाजा फीडर की बत्ती गुल रही। वहीं 25 जनवरी को तैंतीस हजार लाइन में खराबी आने से प्रकाशनगर और पीरनगर उपकेंद्र से होने वाली सभी फीडरों की आपूर्ति ठप रही है। वैसे तो रोज लोगों को बिजली रानी का नखरा झेलना पड़ता है, लेकिन लोगों के मन में यह बात थी शायद गणतंत्र दिवस के दिन बिजली आजादी के जश्न में चार-चांद लगाएगी, लेकिन इस दिन भी बिजली का नखरा जारी रहा। रोज की तरह इस दिन भी सुबह और शाम को रोस्टरिंग की गई। दिन की कटौती तो लोगों को कुछ कमी खली, लेकिन शाम को रोस्टरिंग से आजादी के जश्न में खलल पड़ा। सरकारी भवनों पर छंटा बिखेरने के लिए लगी रंग-बिरंगी झालरें बिजली के अभाव में अभाव में घंटों शो-पीस बनी रही।