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जीव-जंतुओं और वनस्पतियों की अपनी विशिष्टता
Ghazipur
Updated Sat, 26 Jan 2013 05:30 AM IST
गाजीपुर। इंद्रदेव त्रिपाठी विकास ट्रस्ट के तत्वावधान में जैव विविधता संरक्षण विषय पर हुसेनपुर में कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें मुख्य वक्ता पीजी कालेज पर्यावरण विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. प्रमोद कुमार मिश्र ने कहा कि सभी जीव-जंतुओं एवं वनस्पतियों की अपनी विशिष्टता है। उनके विलुप्त होने से कई समस्याएं पैदा होंगी।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का उचित ठंड के प्रयोग करना होगा। मृदा वैज्ञानिक डा. धर्मेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि प्रति वर्ष 1 करोड़ 90 लाख टन जीवनाशी रसायनों का प्रयोग हो रहा है। इससे प्रति व्यक्ति दो सौ ग्राम जहरीले रसायन हमारे शरीर में जा रहे हैं। अंधाधुंध उवर्रक के प्रयोग से मिट्टी की उर्वरा कम होती जा रही है। सस्य विज्ञान के विषयवस्तु विशेषज्ञ डा. शिवकुमार सिंह ने फसलों के उत्पादन, खर-पतवार नियंत्रण, सिंचाई के संसाधनों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कीटनाशकों से न्यूनतम प्रयोग एवं जैविक कीट नियंत्रण पर बल दिया। इससे पहले मीमांशा त्रिपाठी ने स्वागत गीत प्रस्तुत कर उपस्थित लोगों को भावविभोर कर दिया। इस अवसर पर गामा राम प्रजापति, रामाश्रय तिवारी, रामचंदर प्रजापति, आशू तिवारी, राधेश्याम त्रिपाठी, अनिल कुमार सिंह ने विचार व्यक्त किया। इसके अलावा रविंद्र यादव, हरिशंकर तिवारी, बशीर अहमद, अजय शर्मा, जगदीश, चांद बाबू, सुरेशचंद तिवारी, प्रेम राम उपस्थित थे। ट्रस्ट की सचिव ऊषा त्रिपाठी ने अतिथियों का स्वागत किया। अध्यक्षता बालेश्वर सिंह कुशवाहा तथा संचालन डा. केपी त्रिपाठी तथा श्यामकिशोर त्रिपाठी ने आभार व्यक्त किया।
गाजीपुर। इंद्रदेव त्रिपाठी विकास ट्रस्ट के तत्वावधान में जैव विविधता संरक्षण विषय पर हुसेनपुर में कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें मुख्य वक्ता पीजी कालेज पर्यावरण विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. प्रमोद कुमार मिश्र ने कहा कि सभी जीव-जंतुओं एवं वनस्पतियों की अपनी विशिष्टता है। उनके विलुप्त होने से कई समस्याएं पैदा होंगी।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का उचित ठंड के प्रयोग करना होगा। मृदा वैज्ञानिक डा. धर्मेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि प्रति वर्ष 1 करोड़ 90 लाख टन जीवनाशी रसायनों का प्रयोग हो रहा है। इससे प्रति व्यक्ति दो सौ ग्राम जहरीले रसायन हमारे शरीर में जा रहे हैं। अंधाधुंध उवर्रक के प्रयोग से मिट्टी की उर्वरा कम होती जा रही है। सस्य विज्ञान के विषयवस्तु विशेषज्ञ डा. शिवकुमार सिंह ने फसलों के उत्पादन, खर-पतवार नियंत्रण, सिंचाई के संसाधनों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कीटनाशकों से न्यूनतम प्रयोग एवं जैविक कीट नियंत्रण पर बल दिया। इससे पहले मीमांशा त्रिपाठी ने स्वागत गीत प्रस्तुत कर उपस्थित लोगों को भावविभोर कर दिया। इस अवसर पर गामा राम प्रजापति, रामाश्रय तिवारी, रामचंदर प्रजापति, आशू तिवारी, राधेश्याम त्रिपाठी, अनिल कुमार सिंह ने विचार व्यक्त किया। इसके अलावा रविंद्र यादव, हरिशंकर तिवारी, बशीर अहमद, अजय शर्मा, जगदीश, चांद बाबू, सुरेशचंद तिवारी, प्रेम राम उपस्थित थे। ट्रस्ट की सचिव ऊषा त्रिपाठी ने अतिथियों का स्वागत किया। अध्यक्षता बालेश्वर सिंह कुशवाहा तथा संचालन डा. केपी त्रिपाठी तथा श्यामकिशोर त्रिपाठी ने आभार व्यक्त किया।