गाजीपुर। जिले के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक बनने की आस लगाने वालों के लिए खुशखबरी है। दो हजार बीएड शिक्षकों की भर्ती की अनुमति शासन से मिलने के बाद भर्ती प्रक्रिया ने अब जोर पकड़नी शुरू हो गई है। डीएम के निर्देश पर चयन समिति का गठन किया जाएगा। इसकी तैयारी में विभागीय अधिकारी जुट गए हैं।
जिले की प्राथमिक शिक्षा को मजबूत बनाने के लिए जनपद में 1900 प्राथमिक विद्यालय और 790 जूनियर हाईस्कूलों में साढ़े तीन हजार के करीब शिक्षक कार्यरत हैं। देखा जाए तो अधिकांश प्राथमिक के साथ ही जूनियर विद्यालयों में हेडमास्टरों की जबरदस्त कमी है।
अधिकांश विद्यालय में दूसरे स्कूलों के शिक्षकों को प्रभार सौंपा गया है जिससे प्राथमिक शिक्षा की हालत दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है। इसके चलते प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों की संख्या में तेजी से कमी आ रही है। अपनी लाज बनाने के लिए विद्यालय के हेडमास्टर फर्जी छात्र संख्या के आधार पर काम चला रहे हैं। इधर प्रदेश में अखिलेश सरकार बनने के बाद शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए कई बार योजना बनाई गई। केंद्र सरकार के पास भी प्रस्ताव भेजा गया। अंत में प्रदेश सरकार को शिक्षकों की भर्ती करने की अनुमति मिल गई।
सभी जिलों से आनन-फानन में प्रस्ताव मांगे गए। गाजीपुर जिले से भी दो हजार शिक्षकों की भर्ती का प्रस्ताव भेजा गया था। शासन से अनुमति मिलने के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बीएड शिक्षकों की काउंसलिंग कराने के लिए डीएम से अनुमति मांगी है। विभागीय स्तर पर तैयारी शुरू हो गई है। इसकी जानकारी देते हुए बीएसए नंदलाल सिंह ने बताया कि दो हजार शिक्षकों की भर्ती से परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को काफी हद तक दूर कर लिया जाएगा। जल्द ही इसमें तेजी आएगी।
गाजीपुर। जिले के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक बनने की आस लगाने वालों के लिए खुशखबरी है। दो हजार बीएड शिक्षकों की भर्ती की अनुमति शासन से मिलने के बाद भर्ती प्रक्रिया ने अब जोर पकड़नी शुरू हो गई है। डीएम के निर्देश पर चयन समिति का गठन किया जाएगा। इसकी तैयारी में विभागीय अधिकारी जुट गए हैं।
जिले की प्राथमिक शिक्षा को मजबूत बनाने के लिए जनपद में 1900 प्राथमिक विद्यालय और 790 जूनियर हाईस्कूलों में साढ़े तीन हजार के करीब शिक्षक कार्यरत हैं। देखा जाए तो अधिकांश प्राथमिक के साथ ही जूनियर विद्यालयों में हेडमास्टरों की जबरदस्त कमी है।
अधिकांश विद्यालय में दूसरे स्कूलों के शिक्षकों को प्रभार सौंपा गया है जिससे प्राथमिक शिक्षा की हालत दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है। इसके चलते प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों की संख्या में तेजी से कमी आ रही है। अपनी लाज बनाने के लिए विद्यालय के हेडमास्टर फर्जी छात्र संख्या के आधार पर काम चला रहे हैं। इधर प्रदेश में अखिलेश सरकार बनने के बाद शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए कई बार योजना बनाई गई। केंद्र सरकार के पास भी प्रस्ताव भेजा गया। अंत में प्रदेश सरकार को शिक्षकों की भर्ती करने की अनुमति मिल गई।
सभी जिलों से आनन-फानन में प्रस्ताव मांगे गए। गाजीपुर जिले से भी दो हजार शिक्षकों की भर्ती का प्रस्ताव भेजा गया था। शासन से अनुमति मिलने के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बीएड शिक्षकों की काउंसलिंग कराने के लिए डीएम से अनुमति मांगी है। विभागीय स्तर पर तैयारी शुरू हो गई है। इसकी जानकारी देते हुए बीएसए नंदलाल सिंह ने बताया कि दो हजार शिक्षकों की भर्ती से परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को काफी हद तक दूर कर लिया जाएगा। जल्द ही इसमें तेजी आएगी।