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अकीदत के साथ अदा की अलविदा की नमाज़
Ghazipur
Updated Sat, 18 Aug 2012 12:00 PM IST
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कहीं भी, कभी भी।
गाजीपुर। मुस्लिम बंधुओं ने शुक्रवार को जिलेभर में अलविदा की नमाज़ पूरे अकीदत के साथ अदा की। शहर के प्रमुख मस्जिदों के साथ मुहम्मदाबाद नगर के मुख्य जामा मस्जिद मुहम्मदाबाद, जामा मस्जिद मंगल बाजार, फतेहबाग, तहसील तिराहा एवं कोट मुहल्ला की मस्जिद में नमाज़ पढ़ी गई है। तहसील तिराहे पर नमाज अदा करने वाले लोगों की भीड़ के चलते यूसुफपुर-बलिया मुख्य मार्ग पर भी नमाज़ पढ़ी। इसके चलते यूसुफपुर-बलिया मार्ग पर करीब 1 घंटे तक आवागमन बंद रहा।
शांति बनाए रखने के लिए तहसील तिराहे पर तहसीलदार बीपी सिंह, सीओ आरके सोनकर एवं कोतवाल सीबी सिंह पुलिस बल के साथ मौजूद रहे। इसके अलावा पखनपुरा, महेशपुर, मछटी, रानीपुर, मुर्की खुर्द, महरुपुर, अदिलाबाद, महेंद, गौसपुर आदि मुस्लिम बाहुल्य गांवों में शांतिपूर्ण ढंग से अलविदा की नमाज संपन्न हुई। ईद की नमाज़ मुहम्मदाबाद इदगाह में सुबह 9 बजे एवं यूसुफपुर मंगल बाजार स्थित जामा मस्जिद में साढ़े 8 बजे अदा की जाएगी। यह जानकारी ईदगाह के इमाम हाफिज शाहजहां अंसारी ने दी है। बहादुरगंज संवाददाता के अनुसार अलविदा की नमाज अकीदत के साथ अदा की गई। इन्हीं मस्जिदों पर ईद की नमाज़ भी अदा करने का समय निर्धारित किया गया है। खालिद बिन वालिद मस्जिद पर सवा 7 बजे, शाही मस्जिद डंकीनगंज, जामा मस्जिद 7 बजे, शाही मस्जिद दक्षिण सवा 7, नूरी मस्जिद पठान टोली 8 बजे, ईदगाह बहादुरगंज साढ़े 7 तथा ग्रामसभा रसूलपुर के ईदगाह पर पौने 8 बजे ईद की नमाज अदा की जाएगी। उधर जमानिया संवाददाता के अनुसार नगर स्थित जामा मस्जिद, चार मीनार, बंदेली खां , नूरी, सरदार खां, हम्जा खां आदि मस्जिदों में अकीदत के साथ अलविदा की नमाज अदा की गई। चार मिनार मस्जिद के इमाम व मदरसा वारीसुल उलूम के मोहतमीम मौलाना मुहम्मद तनवीर रजा ने नमाज से पहले अपनी तकरीर में कहा कि रमजान माह के आखिरी जुम्मे को अलविदा कहा जाता है। साथ ही उन्होंने कहा कि रहमत, बरकत,मगफिरत का महीना अब हमसे अलविदा हो रहा है। रसूले करीम ने बताया कि अगर बन्दा रमजान की अहमियत को जान जाए, तो वह अल्लाह से दुआ करे कि हर माह रमजान का हो । हमें चाहिए कि हम अल्लाह से दुआ करें कि अल्लाह रमजान के रोजों और तराबी के साथ साथ सभी नेकियाें को कबूल फरमाएं। रमजान के तीनों अशरे रहमत , मगफिरत और जहनन्म से निजात कि बरकताें से हर बंदे को नवाजें । इस दौरान मस्जिदों पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। इसी प्रकार बहरियाबाद, बारा, शादियाबाद, सैदपुर, नंदगंज आदि जगहों पर अलविदा की नमाज अदा की गई।
गाजीपुर। मुस्लिम बंधुओं ने शुक्रवार को जिलेभर में अलविदा की नमाज़ पूरे अकीदत के साथ अदा की। शहर के प्रमुख मस्जिदों के साथ मुहम्मदाबाद नगर के मुख्य जामा मस्जिद मुहम्मदाबाद, जामा मस्जिद मंगल बाजार, फतेहबाग, तहसील तिराहा एवं कोट मुहल्ला की मस्जिद में नमाज़ पढ़ी गई है। तहसील तिराहे पर नमाज अदा करने वाले लोगों की भीड़ के चलते यूसुफपुर-बलिया मुख्य मार्ग पर भी नमाज़ पढ़ी। इसके चलते यूसुफपुर-बलिया मार्ग पर करीब 1 घंटे तक आवागमन बंद रहा।
शांति बनाए रखने के लिए तहसील तिराहे पर तहसीलदार बीपी सिंह, सीओ आरके सोनकर एवं कोतवाल सीबी सिंह पुलिस बल के साथ मौजूद रहे। इसके अलावा पखनपुरा, महेशपुर, मछटी, रानीपुर, मुर्की खुर्द, महरुपुर, अदिलाबाद, महेंद, गौसपुर आदि मुस्लिम बाहुल्य गांवों में शांतिपूर्ण ढंग से अलविदा की नमाज संपन्न हुई। ईद की नमाज़ मुहम्मदाबाद इदगाह में सुबह 9 बजे एवं यूसुफपुर मंगल बाजार स्थित जामा मस्जिद में साढ़े 8 बजे अदा की जाएगी। यह जानकारी ईदगाह के इमाम हाफिज शाहजहां अंसारी ने दी है। बहादुरगंज संवाददाता के अनुसार अलविदा की नमाज अकीदत के साथ अदा की गई। इन्हीं मस्जिदों पर ईद की नमाज़ भी अदा करने का समय निर्धारित किया गया है। खालिद बिन वालिद मस्जिद पर सवा 7 बजे, शाही मस्जिद डंकीनगंज, जामा मस्जिद 7 बजे, शाही मस्जिद दक्षिण सवा 7, नूरी मस्जिद पठान टोली 8 बजे, ईदगाह बहादुरगंज साढ़े 7 तथा ग्रामसभा रसूलपुर के ईदगाह पर पौने 8 बजे ईद की नमाज अदा की जाएगी। उधर जमानिया संवाददाता के अनुसार नगर स्थित जामा मस्जिद, चार मीनार, बंदेली खां , नूरी, सरदार खां, हम्जा खां आदि मस्जिदों में अकीदत के साथ अलविदा की नमाज अदा की गई। चार मिनार मस्जिद के इमाम व मदरसा वारीसुल उलूम के मोहतमीम मौलाना मुहम्मद तनवीर रजा ने नमाज से पहले अपनी तकरीर में कहा कि रमजान माह के आखिरी जुम्मे को अलविदा कहा जाता है। साथ ही उन्होंने कहा कि रहमत, बरकत,मगफिरत का महीना अब हमसे अलविदा हो रहा है। रसूले करीम ने बताया कि अगर बन्दा रमजान की अहमियत को जान जाए, तो वह अल्लाह से दुआ करे कि हर माह रमजान का हो । हमें चाहिए कि हम अल्लाह से दुआ करें कि अल्लाह रमजान के रोजों और तराबी के साथ साथ सभी नेकियाें को कबूल फरमाएं। रमजान के तीनों अशरे रहमत , मगफिरत और जहनन्म से निजात कि बरकताें से हर बंदे को नवाजें । इस दौरान मस्जिदों पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। इसी प्रकार बहरियाबाद, बारा, शादियाबाद, सैदपुर, नंदगंज आदि जगहों पर अलविदा की नमाज अदा की गई।