मुहम्मदाबाद। नगरपालिका परिषद मुहम्मदाबाद पर यूसुफपुर के काजी परिवार का लंबे समय तक वर्चस्व रहा है। यह पहले टाउन एरिया था और इसका चुनाव दलीय आधार पर न होकर पैनल बनाकर लड़ा जाता था। जिसके पैनल से ज्यादा सदस्य जीतकर आते थे, उसे पैनल का चेयरमैन बनता था।
टाउन एरिया मुहम्मदाबाद से 1930 में माधव प्रसाद अग्रवाल चेयरमैन हुए थे। उनके बाद 1933 में श्रीपतनारायण लाल तथा 39 में याहिया खां हुए। उनकी इंतकाल के बाद दिवाकर पांडेय कार्यवाह चेयरमैन हुए। 1940 में काजी मोहम्मद उमर अंसारी चेयरमैन हुए, जो 1948 तक रहे। 1950 में चौधरी गिरजा प्रसाद चेयरमैन बने, लेकिन उनके पद त्याग देने पर काजी सुभानुल्लाह अंसारी कार्यवाहक चेयरमैन हुए। इसके बाद 1950 में श्रीपतनारायण लाल चेयरमैन बने। 1950 में कांग्रेस के समाजवादी सोच रखने वाले गुलाम रब्बानी अब्बासी चेयरमैन बने। 1957 में मुहम्मदाबाद टाउन एरिया को नोटिफाइड एरिया का दर्जा प्राप्त हुआ। उसके पहले चेयरमैन काजी उमर अंसारी बने। 1964 के चुनाव में गुलाम रब्बासी का चुनाव फिर से चेयरमैन के रूप में किया गया। 1967 में कुछ समय के लिए काशीनाथ पांडेय तथा 68 में रामनरेश चौधरी तथा 1969 में काशीनाथ पांडेय कार्यवाहक चेयरमैन रहे। 1971 के चुनाव में सुभानुल्लाह अंसारी चेयरमैन बने, जो 1977 तक रहे। 1977 से 88 तक चुनाव न हो पाने के कारण प्रशासनिक अधिकारी प्रशासक रहे। नगरपालिका का दर्जा प्राप्त हो जाने के बाद 1988 में सुभानुल्लाह अंसारी के दामाद काजी एजाजुल हक अंसारी चेयरमैन बने। 1995 में चेयरमैन का चुनाव सीधे जनता से होने लगा। इसमें राजनीतिक दलों ने भाग लेना शुरु कर दिया। इस चुनाव में पहली बार भाजपा के टिकट विंध्याचल प्रसाद नेता की पत्नी शांति देवी का चुनाव चेयरमैैन के रूप में हुआ। उसके बाद चेयरमैन का पद पिछड़ी जाति का होने के कारण काजी परिवार की नई पौध अंसारी बंधुओं द्वारा अपने नजदीकी शमीम अहमद को चुनाव मैदान में उतारा। शमीम 2000 से 2011 तक दो बार चेयरमैन रहे। इस बार भी लोगों की निगाहे अंसारी बंधुओं पर टिकी है कि किसे वे अपना प्रत्याशी बनाने है। दलीय आधार पर चुनाव में भाजपा से शांति एवं दो बार सपा से शमीम अहमद चुनाव जीते।