गाजीपुर। जरायम जगत में चर्चित होने के बाद हिस्ट्रीशीटर दल शृंगार राजभर का सैदपुर में जबरदस्त आतंक था। कई संगीन मामलों के चर्चित ब्रजेश सिंह के दाहिने हाथ माने जाने वाले त्रिभुवन सिंह का वह खास शूटर भी था। ढलती उम्र की वजह से वह अपराध से दूर रहने लगा था लेकिन क्षेत्र में पंचायत कर वह अपनी धाक की बदौलत बड़े-बड़े मामलों को रफा-दफा भी करता था। उसकी हत्या के लिए पेशेवर बदमाशों ने उसके करीबी को ही अपने पाले में किया। इसी करीबी के बुलाने पर वह अपनी पत्नी को बिना कुछ बताए घर से निकल पड़ा। वारदात के बाद यह सब पुलिस की जांच में सामने आया है।
मुर्तजीपुर गांव का रहने वाला दल शृंगार राजभर 39 वर्ष पूर्व जरायम की दलदल में ऐसा फंसा कि चाहते हुए भी अपराध जगत से नाता नहीं तोड़ सका। बीते शुक्रवार को धुवार्जुन नहर पुलिया के पास पेशेवर बदमाशों ने दनादन गोलियां बरसाकर उसका काम तमाम कर दिया। मारे गए हिस्ट्रीशीटर के खिलाफ सैदपुर, खानपुर सहित कई अन्य थानों में संगीन वारदातों के डेढ़ दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज थे। संगीन मामलों के चर्चित आरोपी त्रिभुवन सिंह का उसके ऊपर हाथ था। इस लिए कई वर्षों तक सैदपुर तहसील क्षेत्र में दल शृंगार का जबरदस्त सिक्का चला। इसके बाद पंचायत करने को उसने अपनी शगल बना लिया। पंचायत में उसके द्वारा सुनाए गए फरमान को न चाहते हुए भी पक्षों को मानना पड़ता था। सीओ तेज स्वरूप के मुताबिक अब तक की जांच में हाल में कोई ऐसा मामला प्रकाश में नहीं आया है जिससे हत्या की कड़ी जुड़ी हो लेकिन पुराने मामलों की अदावत कहीं न कहीं हत्या को बल दे रही है। जांच में पता चला है कि पंचायत कराने के लिए पिछले दो दिन से जो व्यक्ति उसके घर पर आ रहा था, वह मारे गए दल शृंगार का सबसे करीबी और विश्वासपात्र भी था लेकिन उसे क्या पता था कि वह करीबी उसके आस्तीन का सांप बन बैठा है। पुलिस करीबी के बारे में बहुत कुछ पता करा चुकी है।