गाजीपुर। जिला पंचायत अध्यक्ष गीता पासी की हाईकोर्ट से रिट खारिज होने के बाद जिपं सदस्यों ने डीएम को पत्र सौंपकर उनके अधिकारों को सीज करने की गुहार लगाई। डीएम से कहा कि जिपं के जरिए जिले के विकास में किसी भी प्रकार की बाधा न आए, इसके लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया जाए।
जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ बीते 25 मार्च को ही जिला पंचायत सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव में उन्हें पद से हटा दिया था। इसके बाद वह हाईकोर्ट में मामले को लेकर चली गई थीं। कोर्ट ने कहा कि जब तक फैसला नहीं हो जाता तब वह पद पर बने रहेंगी। इधर बीते 28 अप्रैल को कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया। जिससे उन्हें अपने पद से हटना पड़ा। लेकिन कार्रवाई नहीं होने से सदस्य काफी परेशान दिख रहे थे। शुक्रवार को जिला पंचायत सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी प्रभुएन सिंह से मिलकर उन्हें हाईकोर्ट के आदेश की प्रति सौंपी। सदस्यों ने मांग किया कि तत्काल जिला पंचायत में कमेटी बनाकर कार्य शुरू किया जाए। सदस्यों ने कहा कि चेयरमैन के अधिकारों को सीज किया जाए। जिससे वित्तीय अनियमितता न हो सके। जिले में विकास का पहिया भी कई माह से थमा हुआ है। सदस्यों ने यह भी मांग किया कि हाईकोर्ट के फैसले से शासन को भी अवगत कराया जाए। इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश का अध्ययन करने के बाद इसकी जानकारी पत्र के माध्यम से शासन को दी जाएगी।
उन्होंने यह जरूर कहा कि शासन जो फैसला करेगा, उसका पालन किया जाएगा। बाद में सीडीओ राजबहादुर ने बताया कि जिपं में तीन सदस्यीय कमेटी गठित करने के मामले में जिला अधिकारी की ओर से प्रमुख सचिव पंचायती राज को रिपोर्ट भेज दी गई है। इस दौरान जिपं सदस्य रेनू भारती, अनिल यादव, अरूण यादव, दूधनाथ राजभर, संजीव जायसवाल, पुष्पा देवी, कैलाश यादव, झिल्लू पासवान, अशोक वर्मा, तौकीर उमर, संजय तिवारी, अभिमन्यु, गुड्डू कन्नौजिया, चंद्रहास, भोलानाथ, शिवपरसन यादव, धन्नजय मौर्या, झम्मन, सुदर्शन यादव, शिवमुनी यादव, हरिकेश यादव आदि जिला पंचायत सदस्य मौजूद रहे।
वहीं जिपं में अपनी धाक जमाने के लिए अब जिपं सदस्यों के बीच कमेटी में शामिल होने की होड़ मच गई है।