गाजीपुर। जिले के सहकारी एवं व्यवसायिक बैंकों में किसान क्रेडिट कार्ड के तहत ऋण देने के नाम पर वर्षों से गोरखधंधा चल रहा है। किसानों की शिकायत को बैंक के उच्चाधिकारी एवं प्रशासनिक अधिकारी सबूत मांगकर टाल जाते हैं। जब सम्युत क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक देवल का शाखा प्रबंधक रंगे हाथों घूस लेते पकड़ा गया तो यह साबित हो गया।
रबी एवं खरीफ की बुआई के लिए पिछले दिनों इलाहाबाद में हुई किसान गोष्ठी में किसान क्रेडिट कार्ड का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। यही नहीं डीएम की अध्यक्षता में किसान क्रेडिट कार्ड की समीक्षा भी की जाती है। करोड़ों रुपये किसानों को हर वर्ष ऋण दिया जाता है। लेकिन हकीकत तो इससे इतर कुछ और ही है। दसअसल अधिकतर बैंकों में ऋण देने के लिए शाखा प्रबंधकों की सह पर दलाल बैंकों में घूमते हैं। बैंक में अपनी पकड़ की बदौलत वे पूरे बाजार मेें चर्चित हो जाते हैं। ऐसे में किसान भी बैंक मैनेजर के पास न जाकर सीधे दलालों से संपर्क करता है और उसी को घूस की रकम देकर केसीसी कार्ड बना लेता है। इस प्रकार किसान क्रेडिट के नाम पर पैसा लेने से किसानों की कमर टूट रही है। बैंकों की रिपोर्ट पर नजर दौड़ाई जाए तो हजारों किसानों पर बैंकों का करोंड़ों का बकाया है। लेकिन इस गोरखधंधे को रोकने के लिए बैंक के उच्चाधिकारी गंभीर नहीं दिख रहे हैं। इस संबंध में यूबीआई के एजीएम वीएन जैन ने बताया कि यह घटना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। जल्द ही वह सभी शाखा प्रबंधकों की बैठक बुलाकर दिशा निर्देश जारी करेंगे। अगर शिकायत मिली तो संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।