गाजीपुर। सरकारी धन का हिसाब न देने और खंड विकास अधिकारी की बैठक से अक्सर अनुपस्थित रहने के आरोप में मरदह विकास खंड के ग्राम पंचायत अधिकारी राधेश्याम को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही दस सचिवों की वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी गई है। डीपीआरओ की इस कार्रवाई से कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है।
ग्राम पंचायत अधिकारी राधेश्याम मरदह ब्लाक के विभिन्न ग्राम पंचायतों के सचिव हैं। पिछले दिनों शासन का निर्देश आया था जिन ग्राम पंचायतों में प्रिया साफ्ट के तहत खर्च का ब्यौरा फीड नहीं कराया गया है तो वहां की अगली किस्त रोकते हुए संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। शासन के निर्देश के बावजूूद जिले की अधिकांश ग्राम पंचायतों में प्रिया साफ्ट के तहत फीडिंग हीं नहीं हो पाई है। इसमें हर मद में खर्च किए धन का ब्यौरा फीड करना था। लेकिन 40 ग्राम पंचायतों को छोड़ शेष ग्राम पंचायतों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। इसको गंभीरता से लेते हुए डीपीआरओ ने मरदह ब्लाक के ग्राम पंचायत अधिकारी राधेश्याम के ऊपर प्रिया साफ्ट में फीडिंग नहीं कराने का आरोप है। इसके साथ ही उनके खिलाफ बीडीओ ने बैठक से अनुपस्थित रहने का आरोप लगाया है। जिन ग्राम पंचायतों में उनको प्रभार सौंपा गया है वहां पर संपूर्ण स्वच्छता कार्यक्रम के तहत बनाए गए शौचालयों की रिपोर्ट नहीं देना शामिल है। इसके साथ ही कई अन्य गंभीर आरोप के चलते डीपीआरओ आरपी मिश्रा ने उन्हें निलंबित किया है। इसके साथ ही सदर ब्लाक के एडीओ पंचायत खेदूू राम, करंडा के अजीत सिंह, मरदह के रामनाथ, मुहम्मदाबाद रामनरायन, रेवतीपुर के नीरज मिश्रा, भदौरा के गंगा प्रसाद, सैदपुर के सुरेंद्र सिंह, जमानिया के त्रिवेणी सिंह, सादात नंदलाल, मरदह के रामनाथ, जखनियां के सहगुन राम की वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी गई है।
इसके साथ ही भांवरकोल के एडीओ पंचायत भोला को पद से हटा भी दिया गया है। जिन एडीओ पंचायतों की वार्षिक वेतन वृद्धि स्थायी रूप से रोकी गई है उनकी पेंशन पर भी इसका सीधा असर पड़ेगा। इसकी जानकारी देते हुए डीपीआरओ आरपी मिश्रा ने बताया कि सरकारी बैठकों में हिस्सा नहीं लेने और प्रिया साफ्ट पर खर्च का ब्योरा फीड नहीं करने के आरोप में निलंबित किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रिया साफ्ट के तहत जिन ब्लाकों और ग्राम पंचायतों से रिपोर्ट नहीं आई तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।