गाजीपुर। जिले के किसानों के लिए खुशखबरी है। अब उनकी फसलें नहीं डूूबेंगी। इसके लिए वर्ष में दो बार नहरों की सफाई के आदेश जारी किए गए हैं। डीएम की अध्यक्षता वाली कमेटी नहरों की सफाई का मानक तय करेगी।
जिले में लंबी नहरों के जाल में हमेशा सफाई नहीं रहने की शिकायत रहती है। अधिकांश ऐसी भी नहरें हैं जहां अभी तक पानी नहीं पहुंचा है। इसको गंभीरता से लेते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने प्रदेश के सभी मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारी को भेजे गए पत्र में नहरों की सफाई के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने आठ मई को भेजे गए पत्र में कहा है कि नहरों की सफाई वर्ष में एक बार मनरेगा योजना से कराई जाती थी। लेकिन इसके बावजूद टेल तक पानी नहीं पहुंचता था। नए आदेश में मुख्य सचिव ने कहा है कि प्रदेश सरकार ने फैसला लिया है कि नहरों की सफाई वर्ष मेें दो बार कराई जाएगी। पहली रबी और दूसरी खरीफ के समय। पहली सफाई 15 अप्रैल से 15 जून तक और दूसरी सफाई रबी की फसल की बुआई से पहले 15 अक्टूबर से 15 दिसंबर तक होगी। सफाई विभागीय बजट से कराई जाएगी। इसके लिए आधुनिक मशीनों का प्रयोग किया जाएगा। साथ ही अल्पकालिक माइनरों की सफाई का कार्य मनरेगा से होगा। नहरों में पानी रोस्टर के अनुसार भेजा छोड़ा जाएगा। नहरों की सफाई के लिए जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी। जिसमें एसपी, सीडीओ के साथ संबंधित कार्यदायी संस्थाओं के अभियंता सदस्य बनाए जाएंगे। शासन समिति का सचिव कार्यदायी संस्था के नोडल अधिकारी को बनाया है। आधुनिक मशीनों से सफाई होने के बाद एक सप्ताह के भीतर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में टास्क फोर्स टीम सत्यापन करेगी। यही नहीं नहरों के कागजात ब्लाकों को उपलब्ध कराए जाएंगे। शासन की मंशा है कि नहरों पर होने वाले अतिक्रमण को रोकने के लिए पुलिस विभाग ठीक से मदद करेगा। समय-समय पर डीएम एवं कमिश्नर भी नहरों की जांच पड़ताल कर सकते हैं। इसकी जानकारी देते हुए सीडीओ ने बताया कि नहरोें की सफाई के लिए शासन ने नई नीति की घोषणा की है। जल्द ही डीएम की अध्यक्षता में समिति गठित कर दी जाएगी।