गाजीपुर। गरीबों की तकदीर और तस्वीर संवारने के लिए संचालित की जा रही स्वर्ण जयंती ग्रामीण स्वरोजगार योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। योजना में ऊपर से लेकर नीचे तक तमाम गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। इसका ताजा उदाहरण देवकठियां गांव में देखने को मिला। समूह के अध्यक्ष ने गरीब और निरक्षर महिलाओं को सिलाई मशीन देने के नाम पर पूरा पैसा ही हड़प लिया। इस मामले को लेकर दो समूहों की दर्जनों महिलाओं ने डीएम का दरवाजा खटखटाया है। डीएम के मौजूद नहीं रहने पर सीआरओ ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए यूबीआई के एजीएम से रिपोर्ट तलब की है।
बिरनो ब्लाक के देवकठिया गांव में तीन वर्ष पूर्व एक समूह का गठन किया गया। दोनों समूहों का गठन करने के लिए अध्यक्ष का भी चयन किया गया। ग्रेडिंग होने के बाद समूह के सदस्यों ने फैसला किया कि महिलाओं को सिलाई मशीन खरीद कर दे दी जाए। इसके लिए दोनों समूहों के अध्यक्षों ने जंगीपुर स्थित यूूनियन बैंक आफ इंडिया के शाखा प्रबंधक से संपर्क कर ऋण देने का प्रस्ताव रखा। जिससे शाखा प्रबंधक ने तमाम औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद दोनों समूहों को ढाई-ढाई लाख का ऋण स्वीकृत कर दिया। यह पैसा अध्यक्ष ने रखा लिया। इसके लिए महिला सदस्यों से कागजात पर हस्ताक्षर भी कराए गए थे। समूह की महिला सदस्य तेतरी, लीलावती, मुन्नी, सहोदरी, फूलबसिया, दुर्गावती, किशोर आदि सदस्योें ने बताया कि हम लोगों के समूह के अध्यक्ष ने सिलाई मशीन खरीदने के लिए एक पैसा नहीं दिया। हम लोग पैसे की मांग तीन वर्ष से कर रहे हैं। अब बैंक के लोग ब्याज सहित पैसे की मांग कर रहे हैं। पूरे मामले से अवगत होने के बाद सीआरओ बालमयंक मिश्रा ने यूूबीआई के एजीएम वीएन जैन को मामले की जांच के आदेश दिए। साथ ही जांच आख्या की रिपोर्ट जल्द ही प्रेषित करने को कहा। सीआरओ ने बताया कि गड़बड़ी करने वाले समूहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।