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वादाखिलाफी से नाराज रसोइयों का धरना
Ghazipur
Updated Sat, 19 May 2012 12:00 PM IST
गाजीपुर। महिला रसोइयों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। मिड-डे-मील में कार्यरत महिला रसोइयों ने बीएसए की वादाखिलाफी से नाराज होकर विकास भवन परिसर में बीएसए कार्यालय के पास धरना दिया। इस मौके पर आयोजित सभा में पूर्व ब्लाक प्रमुख चंदा यादव ने कहा कि शिक्षा विभाग की वादाखिलाफी अब बर्दाश्त से बाहर हो गई है। अब निर्णायक लड़ाई लड़ने के लिए तैयार रहना होगा।
शुक्रवार को आयोजित धरना सभा में श्रीमती यादव ने कहा कि दो मई को धरना दिया गया था। इसमें मुख्य विकास अधिकारी की उपस्थिति में शिक्षा विभाग के अधिकारी की तरफ से 18 मई को समस्या का समाधान करने के लिए समय निर्धारित किया गया था, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी रसोइयों को बुला कर स्वयं कार्यालय से गायब हैं। महिला रसोइया घबराने वाली नहीं हैं। रसोइयों की प्रति वर्ष होने वाली नवीनीकरण की प्रथा बंद करने, मानदेय का भुगतान आदि मांगों के पूरा होने तक आंदोलन चलता रहेगा। रसोइयां संघ की जिलाध्यक्ष आशा देवी ने कहा कि दर्जनों रसोइयों का एक वर्ष का मानदेय बाकी है। अगर यह उत्पीड़न-शोषण बंद नहीं हुआ तो करो या मरो की तर्ज पर आंदोलन किया जाएगा। इस मौके पर धर्मशीला, सुराही, देवंती, नीरा, इंदू, मंजू, सीता, आशा कश्यप, शीला, लाली, माया, बिंदा, मूंगा देवी, सुरसती, बसंती आदि मौजूद रहीं।
सरोज, तेतरी, कालिंदी, पंपा देवी, रमावती, रजवती, सावित्री, दुर्गावती, लीला आदि ने विचार व्यक्त किया। संचालन सुगंती कुशवाहा ने किया।
गाजीपुर। महिला रसोइयों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। मिड-डे-मील में कार्यरत महिला रसोइयों ने बीएसए की वादाखिलाफी से नाराज होकर विकास भवन परिसर में बीएसए कार्यालय के पास धरना दिया। इस मौके पर आयोजित सभा में पूर्व ब्लाक प्रमुख चंदा यादव ने कहा कि शिक्षा विभाग की वादाखिलाफी अब बर्दाश्त से बाहर हो गई है। अब निर्णायक लड़ाई लड़ने के लिए तैयार रहना होगा।
शुक्रवार को आयोजित धरना सभा में श्रीमती यादव ने कहा कि दो मई को धरना दिया गया था। इसमें मुख्य विकास अधिकारी की उपस्थिति में शिक्षा विभाग के अधिकारी की तरफ से 18 मई को समस्या का समाधान करने के लिए समय निर्धारित किया गया था, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी रसोइयों को बुला कर स्वयं कार्यालय से गायब हैं। महिला रसोइया घबराने वाली नहीं हैं। रसोइयों की प्रति वर्ष होने वाली नवीनीकरण की प्रथा बंद करने, मानदेय का भुगतान आदि मांगों के पूरा होने तक आंदोलन चलता रहेगा। रसोइयां संघ की जिलाध्यक्ष आशा देवी ने कहा कि दर्जनों रसोइयों का एक वर्ष का मानदेय बाकी है। अगर यह उत्पीड़न-शोषण बंद नहीं हुआ तो करो या मरो की तर्ज पर आंदोलन किया जाएगा। इस मौके पर धर्मशीला, सुराही, देवंती, नीरा, इंदू, मंजू, सीता, आशा कश्यप, शीला, लाली, माया, बिंदा, मूंगा देवी, सुरसती, बसंती आदि मौजूद रहीं।
सरोज, तेतरी, कालिंदी, पंपा देवी, रमावती, रजवती, सावित्री, दुर्गावती, लीला आदि ने विचार व्यक्त किया। संचालन सुगंती कुशवाहा ने किया।