गाजीपुर। बसपाराज में हुए निर्माण कार्यों की जांच का आदेश शासन ने दिया है। शासन का स्पष्ट निर्देश है कि पूर्व में हुए कार्यों की जांच कराकर ही आगे की परियोजनाआें पर कार्य शुरू कराए जाएं। गुरुवार को जांच के लिए तैयार सीडीओ को आरईएस के जेई ने सूची प्रस्तुत नहीं की। इसको गंभीरता से लेते हुए सीडीओ ने शासन को पत्र भेजने का निर्देश दिया है।
प्रदेश सरकार बसपा राज में हुई गड़बड़ियों की जांच कराने के बाद ही नई योजनाओं पर कार्य शुरू करेगी।मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की तरफ से भेजे गए पत्र में साफ कहा गया है कि पूर्व के कार्यों की जांच डीएम एवं सीडीओ अपने स्तर से करा लें।ें तकनीकी टीम का भी पूरा सहयोग लिया जाए। उन्होंने सबसे अधिक ध्यान अंबेडकर गांवों में हुए विकास कार्यों पर देने के निर्देश दिए है। शिकायत मिली है कि सीसी रोड के निर्माण में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है। इसकी जांच कराकर संबंधित ठेकेदार एवं अभियंताआें के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। निर्देश मिलते ही सीडीओ ने प्लान बनाकर जांच कराने का कार्य शुरू कर दिया है। उन्होंने सभी खंड विकास अधिकारियों को अंबेडकर गांवों में हुए विकास कार्यों का सत्यापन का निर्देश दिया है। कहा है कि संबंधित गांवों का स्थलीय निरीक्षण कर यह तय कर लिया जाए कि सरकारी योजनाओं का लाभ गरीब लोगोें को मिला है या नहीं। अगर ग्रामीण शिकायत कर रहे हैं तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की जाए। उन्होंने पूर्वांचल विकास निधि से बनी सड़कों की जांच शुरू कर दी है। सीडीओ को शुक्रवार को भदौरा ब्लाक में बनी पूर्वांचल विकास निधि की सड़कों की जांच करनी थी। उन्होंने दो सप्ताह पहले ही आरईएस के अधिशासी अभियंता को पत्र भेजा था। उन्होंने निर्देश दिया था कि संबंधित जेई एवं एई को मौके पर भेजा जाए और कार्यों की सूची उपलब्ध कराई जाए। अभियंता के लखनऊ चले जाने से संबंधित ब्लाक के जेई और एई भी गायब हो गए। पूरे मामले को सीडीओ ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने जिम्मेदार जेई के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजने का फैसला किया है। इसकी जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि शासन के निर्देश पर पूरे जिले में वर्ष 2008, 2009,2010, 2011 और 2012 में पूर्वांचल विकास निधि से बनी सड़कों की जांच कराई जा रही है। जांच में दोषी पाए जाने पर संबंधित कार्यदायी संस्थाओं के खिलाफ शासन को पत्र भेजा जाएगा।