भांवरकोल। बसपा नेता लक्ष्मण राम अपहरणकांड मामले में पुलिस की जांच से कई रहस्य उजागर होने लगे हैं। पुलिस की तफ्तीश सेे पता चला है कि जिस समय बसपा नेता थाने से घर जा रहा था, रास्ते में उसकी बाइक पर एक महिला भी सवार हो गई थी। वारदात के वक्त जब उसने शोर मचाना शुरू किया तो आरोपियों ने उसे भी स्कार्पियो में बैठा लिया। बाद में उसे बक्सर के चौसा स्थित यादव मोड़ के पास उतार दिया। किसी तरह वह बारा आई और नाव से गंगा पारकर अपने घर पहुंची लेकिन दहशत के चलते मुंह नहीं खोला। यह मामला सामने आने पर गुरुवार को भांवरकोल थानाध्यक्ष नेे उक्त महिला का बयान दर्ज किया।
अपहृत बसपा नेता के घर आने के बाद से पुलिस मामले की गहन विवेचना में जुटी है। वहीं जिला अस्पताल में भरती बसपा नेता को इलाज के लिए वाराणसी रेफर कर दिया गया है जबकि दबिश के बावजूद अभी तक आरोपी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सके हैं। गांव में गुरुवार को भी पुलिस फोर्स के तैनात रहने से शांति बनी रही। यही नहीं बसपा नेता की बाइक का भी अभी तक पता नहीं चल सका है। गुरुवार को भांवरकोल थानाध्यक्ष एमपी सिंह को जांच के दौरान अहम सुराग मिले। उन्होंने बीरपुर गांव निवासी राजेंद्र यादव के घर पहुंच कर उनकी पत्नी पार्वती देवी सेे पूछताछ की। पूछताछ में जो जानकारी मिली है उसमें बताया गया है कि घटना की रात महिला भांवरकोल से पैदल ही अपने गांव बीरपुर जा रही थी। रास्ते में उसे बसपा नेता बाइक से आते दिखे। घर जाने के लिए वह उनकी बाइक के पीछे बैठ गई। जगतनारायण इंटर कालेज के पास एक स्कार्पियो, एक बोलेरो तथा एक सफारी पर सवार लोगों ने बसपा नेता को रोक लिया और उनकी पिटाई शुरू कर दी। इस पर महिला नेे शोर मचाना शुरू किया तो गाड़ी पर सवार लोगों ने बसपा नेता के साथ उसे भी जबरन गाड़ी पर बैठा लिया। इसके बाद उसेे बक्सर के चौसा स्थित यादव मोड़ पर ले जाकर छोड़ दिया। वह किसी तरह वहां से बारा आई और नाव से गंगा पार कर देर रात अपने घर पहुंची। महिला का कहना था कि मारपीट करने वाले और उसे गाड़ी पर बैठा कर ले जाने वाले कौन थे, वह नहीं जानती और न ही इस मामले में वह अपनी ओर से कोई कार्रवाई ही चाहती है। थानाध्यक्ष ने बताया कि आरोपितों की तलाश तेज कर दी गई है।